जुबिली न्यूज़ डेस्क
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बृहस्पतिवार को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के बदले नया मस्जिद बनाने के लिए नए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया है। मस्जिद के लिए बने ट्रस्ट को इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन नाम दिया गया है। यह फाउंडेशन ही सरकार से मिली जमीन पर मस्जिद और अन्य तरह के प्रोजेक्ट को पूरा करेगा।
अगले 24 फरवरी को सुन्नी वक्फ बोर्ड की अगली बैठक में फाउंडेशन के सदस्यों के नामों का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। फाउंडेशन के ऐलान के साथ ही मस्जिद के लिए सरकार से मिली जमीन को नहीं मंजूर करने का मसला भी हल हो गया है। एक तबका मस्जिद के लिए जमीन लेने के खिलाफ था। लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इसके लिए फाउंडेशन का ऐलान कर इस विवाद को समाप्त कर दिया है।
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सूत्रों का कहना है कि इस फाउंडेशन में मस्जिद मामले में मध्यस्थता करने वालों के अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य भी शामिल होंगे। ट्रस्ट में कुल सात सदस्य बनाए जाने की संभावना जताई गई है। सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष ही इस फाउंडेशन का पदेन अध्यक्ष होगा। फिलवक्त जुफर फारुखी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
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नए फाउंडेशन का काम अदालत के आदेश पर मिली 5 एकड़ जमीन पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ाने वाले इंस्टिट्यूट, लाइब्रेरी, पब्लिक यूटिलिटी इनफ्रास्ट्रक्चर बनाने से लेकर दूसरी तरह की सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। मस्जिद फाउंडेशन में भारत और विदेश के इस्लामिक कल्चर को बढ़ावा देने के क्रियाकलापों को किया जाएगा।
फाउंडेशन के जरिए सुन्नी वक्फ बोर्ड भारत में दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए भी कार्यक्रम चलाएगा। सुन्नी बोर्ड ने फाउंडेशन के कामकाज की पूरा खाका तैयार कर लिया है। इसके साथ ही मस्जिद के नाम पर मिलने वाली 5 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेने की कवायद भी शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने के प्रस्ताव पर पहले ही मुहर लगा दी है। योगी सरकार के फैसले के मुताबिक अयोध्या के सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर है।
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