जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस रिसर्च इंस्टीटयूट ने सरकार को जो सुझाव भेजा है वह तेज़ गति से वाहन चलाने वालों के लिए बहुत डरावना है. इस सुझाव पर शिवराज सरकार अगर अपनी मोहर लगा देती है तो मध्य प्रदेश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों की जांच उसी तरह से करेगी जैसे हत्या के मामलों में जांच की जाती है.
ट्रैफिक पुलिस रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) के अपर महानिदेशक डीसी सागर ने बताया कि ज़िन्दगी हर व्यक्ति की अनमोल होती है. हर साल तमाम लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती है. कई बार सड़क दुर्घटना वाहन चलाने वाले की लापरवाही की वजह से होती है. सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की जांच हत्या के मामले की तरह से ट्रीट की जायेगी तो वाहन चलाने वाला भी सतर्क हो जाएगा और उसकी कोशिश यही रहेगी कि उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा न चलने पाए.
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जिस व्यक्ति की वाहन से टकराकर किसी की मौत का मामला सामने आएगा तो पुलिस हत्या के अपराध को ध्यान में रखकर भी कार्रवाई करेगी और ट्रैफिक नियमों के हिसाब से भी कार्रवाई करेगी. अब तक वाहन दुर्घटना के मामलों में थाने से ही ज़मानत मिल जाती थी, लेकिन अब गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज होगा. इससे ज़मानत की प्रक्रिया भी मुश्किल हो जायेगी.