जुबिली न्यूज़ डेस्क
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) हिंसा मामले में अब कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस प्रकरण में एक टीवी चैनल के स्टिंग के बाद बीजेपी के छात्र संगठन ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वहीं पुलिस की जांच में सामने आया है कि हिंसा को भड़काने में ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ व्हाट्सएप ग्रुप्स का बड़ा रोल है।
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बता दें कि मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हिंसा में शामिल कुछ सस्पेक्ट के बारे में भी बताया था।
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दिल्ली पुलिस ने कहा कि पेरियार हॉस्टल में हमले के तुरंत बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था और उस ग्रुप का नाम रखा गया था ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’। यह ग्रुप जेएनयू के ही एबीवीपी के नेता योगेंद्र भारद्वाज ने बनाया था। इस ग्रुप में 60 लोगों को शामिल किया गया था। इसी ग्रुप के आधार पर योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल की पहचान भी हुई है। दिल्ली पुलिस ने ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ नाम के ग्रुप में शामिल 60 मेंबर में से 37 की पहचान कर ली है।
वायरल हुई थी चैट
बता दें कि जिस दिन जेएनयू कैंपस में हिंसा की घटना हुई थी उसके बाद ही व्हाट्स एप ग्रुप की चैट वायरल हुई थी। जुबिली पोस्ट ने अपनी खबर में इस पूरी चैट के विषय में जानकारी दी थी। इस ग्रुप का एक मेंबर ने पूछा कि ‘कैसा रहा आज का मैच’। वहीं इसी चैट के आखिर में जब ये पूछा जाता है कि, पुलिस तो नहीं आयेगी तो इसके जवाब में मेसेज आता है कि, नहीं वीसी ने एंट्री मना किया है, अपना आदमी है।
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