जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप और आरोग्य सेतु मित्र वेबसाइट लॉन्च की थी। इस वेबसाइट के जरिए लोगों के घरों तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। वेबसाइट को उद्देश्य था कि ज्यादातर लोगों को घर से बाहर न निकलना पड़े और उन्हें घर बैठे ही मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
इसके लिए आरोग्य सेतु मित्र ने टाटा हेल्थ, कनेक्टसेंस टेलीहेल्थ, स्टेपवन, स्वस्थ्य फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप भी की थी। लेकिन अब सरकार ने आरोग्य सेतु मित्र वेबसाइट को बंद कर दिया है। इसके बंद करने की वजह सरकार ने बताया है कि ये वेबसाइट ई-फार्मेसी के लिए मार्केटिंग टूल की तरह काम कर रही थी।
आरोग्य सेतु ऐप से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि आरोग्य सेतु (http://www.aarogyasetumitr.in) वेबसाइट को खत्म कर दिया गया है। वेबसाइट का लिंक आरोग्य सेतु ऐप में ही दिया गया था। इस वेबसाइट को आरोग्य सेतु ऐप से हटाने के लिए लगाई गई याचिका में बताया गया था कि वेबसाइट ई-फार्मेसी के लिए मार्केटिंग टूल की तरह काम कर रही है।
ये भी पढ़े : भारत-चीन तनाव : गिरावट के साथ खुला बाजार
याचिका में खासतौर से इस बात का विरोध किया गया है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसी प्लेटफॉर्म पर ई-फार्मेसी के प्राइवेट कमर्शियल विज्ञापनों को वेबसाइट पर कैसे दिखाया जा सकता है? यह वेबसाइट नीति आयोग के द्वारा बनाई गई थी। लॉकडाउन के तुरंत बाद इस वेबसाइट को आरोग्य सेतु ऐप पर लिंक के ज़रिए कुछ प्राइवेट ई-फार्मेसी की सुविधाएं लेने के लिए जोड़ा गया था।
हाई कोर्ट ने आज अपने आदेश में कहा है कि अगर केंद्र सरकार दोबारा इस वेबसाइट को री-लॉन्च करती है, तो नियम और गाइडलाइंस का पालन किया जाए जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं।
साउथ केमिस्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन की तरफ से लगाई गई इस याचिका में वरिष्ठ वकील सुधीर नंदराजयोग और अमित गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत किसी भी ई-फार्मेसी को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ऑनलाइन दवाइयां बेचने के लिए लाइसेंस नहीं मिला है।
कुछ वक्त पहले ई-फार्मेसी द्वारा ऑनलाइन दवाइयों को बेचने पर भी दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। ऐसे में एक सरकारी ऐप और वेबसाइट पर भला बिना लाइसेंस के ई-फार्मेसी अपनी दवाई कैसे बेच सकती हैं?
ये भी पढ़े : लद्दाखः सीमा पर भारत-चीन के बीच स्थिति अभी भी बेहद तनावपूर्ण
याचिकाकर्ता का कहना था कि आरोग्य सेतु ऐप को लॉन्च करने का मकसद कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए किया गया था न कि प्राइवेट कंपनीज के विज्ञापन के लिए, लेकिन आरोग्य सेतु ऐप कुछ प्राइवेट फार्मेसी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का जरिया बनकर रह गया, और इसे रोकने के लिए हमें हाई कोर्ट आना पड़ा।
उनका कहना है कि ऑनलाइन ई-फार्मेसी द्वारा दवाई बेचा जाना खुद दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। इसके अलावा ई-फार्मेसी कंपनियों द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस तरह से दवाइयां बेचना भारत के संविधान के आर्टिकल 14, 19 और 21 का उल्लंघन है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ई-फार्मेसी को ऑनलाइन दवाई बेचने के लिए लाइसेंस दिए जाने को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस को हरी झंडी नहीं मिली है।