जुबिली न्य़ूज डेस्क
दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री संदीप कुमार को छह घंटे के भीतर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. असल में अतीत में उनसे जुड़े विवाद के सामने आने के बाद पार्टी नेतृत्व ने यह कार्रवाई की है. संदीप कुमार ने इससे जुड़ी जानकारी भी छिपायी थी. भाजपा नेताओं ने कहा कि संदीप ने जानबूझकर आप नेता और मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में तथ्य छिपाए.
राज्य भाजपा प्रभारी सुरेंद्र पुनिया ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा, “पूर्व कैबिनेट मंत्री संदीप कुमार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने अपने पिछले जीवन के बारे में कुछ तथ्य छिपाने की कोशिश की थी.”
संदीप कुमार पिछले दिनों कई विवादों में फंसे थे. 31 अगस्त को अरविंद केजरीवाल को एक सीडी मिलने के बाद उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया था, जिसमें संदीप को दो महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था.
आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल
उन्हें दिल्ली पुलिस ने 3 सितंबर 2016 को गिरफ्तार किया था, जब एक पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे नशीला पेय दिया, उसके साथ दुष्कर्म किया और इस कृत्य का वीडियो बनाया. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद केजरीवाल ने मंत्री को हटा दिया था. राशन कार्ड जारी करने के नाम पर पीड़िता का कथित तौर पर शोषण किया गया. उन्होंने आरोपों को बदनाम करने के लिए किया गया विवाद करार देते हुए आरोपों से इनकार किया था.
वह 2015 में पांच बार के विधायक जय किशन को हराने के बाद सुर्खियों में आए थे. उन्हें तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा मंत्री के रूप में शामिल किया गया था और उन्हें नई दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग का पोर्टफोलियो दिया गया था.
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भाजपा में शामिल होने से पहले, संदीप कुमार ने 2021 में अपना राजनीतिक संगठन ‘कीर्ति किसान शेरे पंजाब’ भी बनाया था. वह हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए, लेकिन कथित तौर पर छिपाए गए उनके अतीत का संज्ञान लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था. संदीप सोनीपत के सरगथल गांव के रहने वाले हैं. वह 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और 2009 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की.