जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की चर्चा कई महीनों से चल रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से संस्कृत में एक लाइन सुनाने के लिए भी कहा डाला। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक नीतिगत फैसला है, जिसक लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है।
इस याचिका को शीर्ष न्यायालय में रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट डीजी वंजारा की तरफ से दायरल किया गया था। उन्होंने संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित किए जान के जरिए भाषा के प्रचार की बात की थी।
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इसपर जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा, ‘यह नीति निर्णय के दायरे में आता है। इसके लिए भी संविधान में संशोधन की जरूरत होगी। किसी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने के लिए संसद को रिट जारी नहीं किया जा सकता।’
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कोर्ट ने कहा, ‘हम भी यह बात मानते हैं। हम जानते हैं कि हिंदी और राज्यों की कई भाषाओं के शब्द संस्कृत से आए हैं। लेकिन इसके आधार पर किसी भाषा को राष्ट्रभाषा नहीं घोषित किया जा सकता। हमारे लिए भाषा घोषित करना बहुत मुश्किल है।’
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