जुबिली न्यूज डेस्क
संसद में पेगासस जासूसी कांड और किसान आंदोलन को लेकर मचे हंगामे के बीच कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में लगी है।
इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विपक्षी एकता को और मजबूत करने के लिए मंगलवार को विपक्षी दलों के नेताओं को कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर आमंत्रित किया, लेकिन इस मीटिंग से आम आदमी पार्टी और बसपा दूर ही रहीं।
ऐसा माना जा रहा है कि संसद में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए राहुल ने ब्रेकफास्ट पर यह मीटिंग बुलाई है
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दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में राहुल गांधी के बुलावे पर पेगासस कांड-किसानों के आंदोलन को लेकर पेगासस कांड-किसानों के आंदोलन को घेरने की रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दल सियासी चर्चा कर रहे हैं।
ऐसी चर्चा है कि सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आज लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद साइकिल पर सवार होकर संसद भवन पहुंचेंगे। फिलहाल अभी कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में कांग्रेस समेत 15 विपक्षी दलों की बैठक चल रही है।
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इस ब्रेकफास्ट मीटिंग में राजद, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, जेएमएम, सीपीआईएम समेत अन्य कई दलों के नेता शामिल हुए हैं, लेकिन बसपा और आम आदमी पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। विपक्ष के नेताओं को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे की तरफ से निमंत्रण भेजा गया है तो वहीं कांग्रेस की तरफ से तृणमूल कांग्रेस के साथ शिवसेना, डीएमके, लेफ्ट पार्टियां, राजद और सपा सहित कई पार्टियों को आमंत्रित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि मॉनसून सत्र में विपक्ष को एकजुट करने को लेकर राहुल गांधी काफी सक्रिय रहे हैं। विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर आमंत्रित करने से पहले वह विपक्षी दलों की बैठक में भी हिस्सा ले चुके हैं।
विपक्षी दलों की बैठक के बाद राहुल ने विपक्षी नेताओं के साथ मीडिया से भी बात की थी। उन्होंने पेगासस के मुद्दे पर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
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राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के नेताओं को ऐसे वक्त चाय पर आमंत्रित किया है, जब पेगासस और किसान आंदोलन को लेकर संसद में गतिरोध बरकरार है। संसद में एक दिन भी पूरा कामकाज नहीं हो पाया है।