जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है. पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी. कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी.
वहीं सीएम योगी के इस फरमान के बाद सियासी जंग छिड़ गया है. इस फैसले का कुछ नेता समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं. आएइ जानते हैं किसने क्या कहा…
मालिक कोई भी हो, वो अपना नाम लिखें
कांवड़ यात्रा पर DIG अजय कुमार साहनी ने कहा, “सारे कांवड़ मार्ग पर पुलिस द्वारा लगातार गश्त की जा रही है। कांवड़ समितियों, होटल-ढाबों वालों से बातचीत की जा रही है और यह निर्धारित किया जा रहा है कि जितने होटल-ढाबे हैं, सभी साफ-सफाई रखें, रेट लिस्ट लगाएं…होटल-ढाबे मालिकों का नाम लिखा जाए…सभी को इस बारे में बताया गया है और सभी लोग इससे सहमत हैं। अनिवार्य रूप से सभी को यह करना है…कांवड़ के शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है…”
योगी सरकार के फैसले पर भड़के अजय राय
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने ABP news से टेलीफ़ोनिक वार्ता में कहा-“यह पूरी तरीके से अव्यावहारिक कार्य है, वे समाज में भाईचारे की भावना को खराब करने का कार्य कर रहे हैं.इसको तत्काल निरस्त करना चाहिए”
अखिलेश यादव ने किया विरोध
सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा था कि … और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं.
मायावती ने भी किया विरोध
नेम प्लेट को लेकर बसपा चीफ मायावती ने योगी और धामी सरकार पर निशाना साधा. बसपा चीफ ने लिखा- यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक. धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय.
राम गोपाल यादव ने लगाए गंभीर आरोप
सपा नेता और प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में अपनी पराजय से बौखलाई बीजेपी और आपसी झगड़े में फँसी बीजेपी सरकार प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहती है.नाम लिखी मुसलमानों की दुकानों की सुरक्षा का भी ख़तरा है और दुकानदारों की जान का भी. इसलिए सरकार के इस जालिमाना आदेश के बाद आशंका यही है की कांवड़ मार्ग पर ग़ैर हिंदू कोई दुकान नहीं लगायेंगे.संविधान को ख़त्म करने की मंशा पालने वाले लोग लगातार असंवैधानिक कार्य करके बाबासाहब अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के इस घोर असंवैधानिक आदेश का सर्वोच्च न्यायालय संज्ञान ले और इस पर तत्काल रोक लगाये.
जेडीयू ने किया फैसले का विरोध
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि इससे बड़ी यात्रा बिहार में निकलती है वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है. प्रधानमंत्री की जो व्याख्या है. भारतीय समाज और एनडीए के बारे में ‘सबका साथ-सबका-विकास- सबका विश्वास’ लगाए गए प्रतिबंध, पीएम मोदी के इस व्याख्या के विरुद्ध हैं.इस नियम पर पुनर्विचार हो तो अच्छा है. नहम एनडीए को खुशहाल और मजबूत होते देखना चाहते हैं. पीएम मोदी की कीर्ति कम ना हो, यह चाहते हैं. इसलिए चाहते हैं कि यह नियम वापस हो. इस नियम पर समीक्षा होनी चाहिए.
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इनका मिला समर्थन
मिला ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का साथ
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सड़क किनारे स्थित ढाबों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है.जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं, वे गलत हैं। यह एक धार्मिक यात्रा है, इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए. हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झड़प को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.अखिलेश यादव ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है.हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झगड़ा भड़काने की साजिश रची जा रही है.”
दिनेश शर्मा ने दिया फैसले को समर्थन
कांवड़ यात्रा पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि कांवड़ यात्रा के कुछ नियम और संयम है उसका पालन होना चाहिये. दुकान पर नाम लिखने का आदेश सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है. दुकान का जो वास्तविक नाम है वह लिखना होगा. हिन्दू और मुसलमान मिलकर चलें.