जुबिली न्यूज डेस्क
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ श्रद्धालु मंदिर के पीछे वाले हिस्से से टपक रहे पानी को ठाकुर जी का चरणामृत समझकर पीते नजर आ रहे हैं। दरअसल यह मंदिर में लगे एसी से डिस्चार्ज होने वाला पानी था। एक यूट्यूबर ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वह चरणामृत समझकर पानी पी रही महिला श्रद्धालु से कहता है- ‘दीदी ये एसी का पानी है, चरणामृत नहीं।’ इस पर महिला हंसते हुए वहां से चली जाती है।
बांके बिहारी मंदिर की पहली मंजिल पर बारिश के पानी के निकासी के लिए रास्ता बना हुआ है। इनका आकार हाथी के मुख जैसा है। इसी रास्ते से मंदिर में लगे एसी का डिस्चार्ज पानी भी टपकता रहता है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले किसी श्रद्धालु ने इसे अनजाने में चरणामृत समझ लिया और उसे हाथ में लेकर आचमन करने लगा।
जिसके देखादेखी पीछे से आने वाले अन्य श्रद्धालु भी टपक रहे जल को प्लास्टिक के ग्लॉस में भरकर पीने लगे। चरणामृत पाने के लिए लोगों की लंबी कतार यहां देखी जा सकती है। कई श्रद्धालु तो बर्तनों में भरकर जल को अपने घर भी ले जा रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद बांके बिहारी मंदिर के पुजारियों ने श्रद्धालुओं से ऐसा ना करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे श्रद्धालुओं की अंधभक्ति करार दे रहे हैं। आपको बता दें कि मथुरा और वृंदावन में हर रोज 10 से 15 हजार पर्यटक देश और दुनिया से आते हैं। यहां के मंदिरों में सुबह से लेकर रात तक भीड़ लगी रहती है। पर्व या खास मौकों पर इतनी ज्यादा भीड़ हो जाती है कि स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।