जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ। राज्य में किसानों की आय में इजाफा करने के क्रम में अब हर जिले में गोदाम व कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। केन्द्र सरकार की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड (एआईएफ) योजना के तहत यह कार्य कराया जाएगा। इसके तहत प्राथमिक सहकारी समितियां (पैक्स) 2000 गोदाम राज्य में बनाएंगी। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में ई-विपणन प्लेटफार्म, वेयर हाउस, साइलोज, पैक हाउस, छंटाई व ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना के लिए इच्छुक किसान तथा कृषि संस्थाओं को ऋण मुहैया कराया जाएगा।
राज्य के हर जिले में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज तथा पैक हाउस आदि का निर्माण होने से किसान की उपज उनमे संरक्षित की जा सकेगी, ताकि समय आने पर किसान उसे मंडी में बेच कर लाभ प्राप्त कर सके।
गौरतलब है कि कृषि उपज के मामले में उत्तर प्रदेश देश के कई राज्यों से अव्वल है। परन्तु किसानों को मंडी से जोड़ने का बुनियादी ढांचा राज्य में बेहतर नहीं है। इसकी वजह से हर वर्ष 15 से 20 फीसदी उपज बर्बाद हो जाती है। ख़ास तौर से आलू, प्याज तो हर साल किसानों को संकट में डालता है। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कृषि उपज को संरक्षित करने की योजना तैयार करने का निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया था। जिसके तहत ही अधिकारियों ने केंद्र सरकार की एआईएफ योजना को प्रदेश में लागू करने का खाका तैयार किया। जिसके क्रम में यह तय हुआ कि राज्य में कार्यरत पैक्स एआईएफ योजना के तहत राज्य में 2000 गोदाम बनाएगा।
इस फैसले के तहत सूबे की 7470 पैक्स में से 1500 पैक्स ने 20 लाख रुपए की लागत से 100 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए पर सहमति जताते हुए कृषि विभाग से 60 करोड़ रुपए गोदाम बनाने के लिए मांगे। अधिकारियों के अनुसार गोदाम बनाने वाली पैक्स को कृषि विभाग चार लाख रुपए उपलब्ध कराए हैं और बाकी की 80 प्रतिशत धनराशि पैक्स एआईएफ योजना के तहत ऋण लेगा। इस तरह से 400 गोदाम बनाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जल्दी ही इन गोदामों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। फिर इस तरह अन्य 1600 गोदाम बनाने जाएंगे।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत किसान, उद्यमी व अन्य को साथ लेकर सामुदायिक कृषि केंद्रों का निर्माण करेगा, वहां किसान की उपज संरक्षित की जाएगी, ताकि समय आने पर उसे मंडी में बेच सकेंगे और उन्हें इसका भी होगा। इस योजना के तहत ई-विपणन प्लेटफार्म, वेयर हाउस, साइलोज, पैक हाउस, जांच इकाइयां, छंटाई व ग्रेडिंग इकाइयां, शीत गृह, लाजिस्टिक सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र व पकाई केंद्र भी बनाए जा सकेंगे।
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योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक ऋण बड़े गोदाम, पैक हाउस तथा कोल्ड स्टोरेज आदि बनाने वाले आवेदक को मिलेगा, ऋण पर सात साल के लिए क्रेडिट गारंटी होगी। तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज पर छूट मिलेगी। इस योजना के पैक्स हाउस द्वारा बनाए जा रहे गोदामों के अलावा अब तक 197 परियोजनाओं के आवेदन मिले हैं, जिनकी लागत करीब 218 करोड़ है, उनमें से 20 परियोजनाओं को जल्द स्वीकृति दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है राज्य में पैक्स हाउस द्वारा बनाए जा रहे गोदाम तथा अन्य लोगों द्वारा शुरू की जाने वाली निर्माण योजनाओं के चलते हर जिले में किसानों की फसल को संरक्षित किया जा सकेगा और इसका लाभ राज्य के लाखों किसानों को होगा।