जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. वह क्लर्क है. बगैर रिश्वत लिए कोई काम नहीं करता. रिश्वत की रकम को बैंक में जमा नहीं करता ब्याज पर उठा देता है. ब्याज से मिलने वाली रकम में से दो फीसदी अपने उन साथियों में बांटता है जिनका उस रिश्वत में हिस्सा बनता है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय खाद्य निगम (FCI) में कार्यरत इस रिश्वतखोर क्लर्क के बारे में सीबीआई से शिकायत हुई तो सीबीआई ने उसे एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद जब उसके घर की तलाशी हुई तो तीन करोड़ रुपये नगद बरामद हुए.
रिश्वतखोर क्लर्क किशोर मीणा के करोड़ों रुपये ब्याज के धंधे में लगे हुए हैं. सीबीआई अब उन लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है जिनके पास रिश्वत से मिली रकम ब्याज के लिए बतौर कर्ज़ ली गई है. सीबीआई को एक बिल्डर की जानकारी मिली है जिसने उससे 95 लाख रुपये लिए हुए हैं.
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रिश्वत की रकम की रिकवरी करने के लिए सीबीआई बिल्डर समेत सभी कर्ज़ लेने वालों को सीबीआई दफ्तर बुलाकर पूछताछ करेगी और उनसे पैसा वसूलेगी. सीबीआई ने क्लर्क किशोर मीणा को गुरुग्राम की सेक्योरिटी कंपनी कपूर एंड संस के बिल पास कराने के एवज़ में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने FCI के क्षेत्रीय प्रबंधक हर्ष हिनोनिया, प्रबंधक वित्त अरुण श्रीवास्तव और सेक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते को भी गिरफ्तार किया है.