स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जंग जीतने के लिए सपा-बसपा लगातार बीजेपी को घेर रही हैं। दूसरी ओर सपा-बसपा के गठबंधन में भले ही शिवपाल यादव को जगह नहीं मिली हो लेकिन आज भी वो मुलायम को उसी तरह से चाहते हैं जैसे पहले। शिवपाल यादव मुलायम से अलग है लेकिन उनकी जीत के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। मैनपुरी से मुलायम को जीताने के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को सैफई में मुलायम के लिए वोट मांगे है लेकिन इस दौरान शिवपाल यादव के हाव-भाव पूरी तरह से बदले हुए थे।
इतना ही नहीं मुलायम का जिक्र करते हुए बेहद भावुक हो गए है। मुलायम की बात करते ही शिवपाल यादव का गला भर आया है और उन्होंने कहा कि उम्मीद नहीं थी उन्हें ये दिन भी देखेने पडेंगे। शिवपाल यादव का कहने का मतलब यही था कि हमेशा अपने भाई के साथ हर मौके पर खड़े रहते थे लेकिन आज दूसरी पार्टी बनाकर मुलायम का प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंंने कहा कि नेताजी अलग लड़ रहे हैं लेकिन वो उनके साथ नहीं है। दोनों की राहे अलग-अलग हो चुकी है। उन्होंने इशरों में अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा है कि जिन्होंने उन्हें अलग किया हैै, कभी नहीं सोचा नहीं ये दिन भी देखना पड़ेगा लेकिन राजनीति में सब कुछ होता है। शिवपाल यादव पूरी तरह से दुखी नजर आये। उन्होंने इस मौके पर रामगोपाल यादव को भी नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि सपा में रहकर उन्होंने कोई पद नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव को लेकर उन्होंने कई मौकों पर नेताजी को समझाया था।
साल 2016 में सपा में घमासान देखने को मिला था। उस दौर में अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था और मुलायम को लेकर भी अखिलेश की जुब़ान तल्ख दिखी थी लेकिन थोड़ा गौर किया जाये तो शिवपाल यादव और अखिलेश के रिश्ते तब और खराब हो गए थे जब चाचा ने कौमी एकता दल का विलय करा दिया था। इसके बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। माना जाता है यही से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि दोनों के बीच टकराव खुलेआम सामने आ चुका हैं।