जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर पीड़ित को अब थानों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। घटना का शिकार होने पर पीड़ित को रिपोर्ट दर्ज के लिए थाने से लेकर साइबर सेल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। मालूम हो कि बिना एफआईआर के साइबर सेल फ्रॉड के मामले की जांच नहीं करता है।
खोया पाया सेल की तरह हजरतगंज में खुलेगा साइबर रजिस्टर्ड सेल, सिंगल विंडो सिस्टम पर पीड़ित को मिलेगी राहत
पीड़ित को राहत देने के लिए अब हजरतगंज थाने में खोया पाया सेल की तरह साइबर कंप्लेंट सेल चालू किया जा रहा है। यहां पर किसी भी थाने से संबंधित साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराने के साथ उसकी एक कॉपी साइबर सेल को भेजी जाएगी।
इस सेल की मॉनीटरिंग साइबर सेल के नोडल इंचार्ज और निगरानी एसएसपी करेंगे। साइबर फ्रॉड के मामले में पीड़ित को रिपोर्ट दर्ज कराने में चार से पांच दिन लग जाते हैं। ऐसे में पीड़ित का पैसा वापस मिलने की संभावना खत्म हो जाती है।
जबकि बैंक खाते से फ्रॉड होने के 24 घंटे के भीतर कार्रवाई शुरू होने पर पैसा वापस होने की ही संभावना होती है। कई मामलों में देरी के चलते पीड़ित की मदद नहीं हो पाती है। साइबर फ्रॉड के हर दिन कई दर्जन मामले आते हैं।
थाने में मामलों को नहीं लिया जाता गंभीर
एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार अक्सर शिकायत सुनने को मिलती है कि थानों पर साइबर क्राइम से संबंधित केस दर्ज करने में लापरवाही की जाती है।
यहीं नहीं साइबर क्राइम के कई मामलों में थाने पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट ही दर्ज की जाती है जबकि ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के तहत भी रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए। साथ ही थाना विवेचना को भी गंभीरता से नहीं लेता है।
सीओ हजरतगंत के पास होगी मॉनीटरिंग
एसएसपी ने बताया कि इस विशेष काउंटर की मॉनीटरिंग सीओ हजरतगंज साइबर क्राइम सेल के नोडल प्रभारी अभय मिश्रा करेंगे। साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने वाले थाने और कोतवाली प्रभारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साइबर क्राइम से जुड़े लंबित मामलों की समीक्षा भी की जाएगी।
साइबर फ्रॉड के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। कई बार शिकायत मिलती है कि थानों में केस दर्ज कराने के लिए पीड़ितों को चक्कर लगाना पड़ता है। खोया पाया सेल की तरह हजरतगंज में सिंगल विंडो सिस्टम के तहत साइबर फ्रॉड के लिए स्पेशल सेल बनाया जा रहा है।
कलानिधि नैथानी, एसएसपी