Wednesday - 30 October 2024 - 6:47 AM

… ठग गठबंधन को हराने के चक्कर में भतीजे का कर देंगे नुकसान

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

लोकसभा चुनाव का पहला चरण गुरुवार को है। ऐसे में यूपी का सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली तक पहुंचने के लिए यूपी सबसे अहम माना जा रहा है। विधान सभा चुनाव में बम्पर जीत से योगी सरकार इस समय यूपी में राज कर रही है। बीजेपी अब भी जीत का दावा कर रही है लेकिन उसकी राह आसान नहीं है। यूपी में चुनाव होने के मतलब कई है। यहां पर सपा-बसपा एक मजबूत राजनीतिक दल माने जाते हैं, हालांकि बीजेपी ने विधान सभा चुनाव में दोनों दलों को कमजोर कर दिया था लेकिन उपचुनाव में बीजेपी को दोनों दलों के सामने मुंह की खानी पड़ी थी।

सपा-बसपा मिलकर बीजेपी को दे रहे हैं टक्कर

सपा-बसपा मिलकर अकेले बीजेपी का खेल बिगाडऩे की बात कह रहे है तो दूसरी ओर शिवपाल यादव भले ही इस चुनाव में एक सीट ही जीत पाये लेकिन अंजाने में वह बीजेपी के लिए राहत काम कर रहे हैं। बता दें कि शिवपाल यादव और योगी की नजदीकियां कई मौकों पर देखी गई है।

इतना ही नहीं राज्य सरकार शिवपाल पर इतनी मेहरबान थी कि उसने मायावती का बंगला शिवपाल यादव को दे दिया था। इसके बाद से ही उनकी नई पार्टी प्रगतीशिल समाजवादी लोहिया प्रसपा पर आरोप लगा कि यह बीजेपी की बी टीम है। कई मौकों पर अखिलेश ने भी अपने चाचा पर इस बात को लेकर तंज किया है।

अब लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव भले ही कई सीट जीतने का दावा करे लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि वह एक से ज्यादा सीट जीत पायेंगे। उन्होंने एक चैनेल से बातचीत में कहा है कि सपा-बसपा के महागठबंधन के ठगबंधन को हराना है। उनके इस जवाब से कई मायने निकाले जा रहे हैं। उनका इशारा साफ अगर महागठबंधन को हराना यानी बीजेपी को किसी न किसी रूम में फायदा पहुंचाना।

इन सीटों पर शिवपाल बिगाड़ सकते हैं माया-अखिलेश का खेल

शिवपाल की नई पार्टी प्रसपा हालांकि पूरे उत्तर प्रदेश में केवल दो सीट को छोडक़र सब जगह लड़ रही है। फिरोजाबाद से खुद शिवपाल यादव अपने भतीजे अक्षय यादव के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं, तो दूसरी ओर संभल, एटा, इटावा और बदायूं जैसी लोकसभा सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतारकर सपा-बसपा को थोड़ा परेशानी में डाल दिया है। अगर वोट कटते है तो बीजेपी फिर यहां पर विजय हासिल कर सकती है। इसके आलावा आजमगढ़ से अखिलेश के खिलाफ भी प्रसपा चुनाव लड़ सकती है जबकि गाजीपुर के साथ-साथ उससे सटे चंदौली,औनला, फूलपुर और भदोही में कड़ी टक्कर होने की बात कही जा रही है।

फिरोजाबाद के गणित पर एक नजर

फिरोजाबाद में अक्षय यादव के लिए नई परेशानी बनकर उनके चाचा सामने आ चुके हैं। यहां पर वोट के खेल में शिवपाल यादव अक्षय पर भारी पड़ सकते हैं। फिरोजाबाद में 21 प्रतिशत यादव/अहिर है जबकि 12 प्रतिशत दलित चमार और दस प्रतिशत मुस्लिम है जबकि 7.5 फीसदी ओबीसी समुदाय मौर्य/कुशवाहा का दबदबा है। ऐसे में वोट बटना तय माना जा रहा है। उधर बीजेपी ने भी इस सीट पर चंद्रसेन जादौन को उतारकर मुकाबला रोचक कर दिया है।

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