जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। दो सप्ताह से लापता युवक के फोटो की तलाश में उसके कमरे का ताला तोड़ते वक्त लखनऊ के पारा थाने के दरोगा ने सोचा तक न था कि कमरे में महिला के कत्ल का राज भी दफन है। युवक के साथ फोटो में नजर आई महिला के भी लापता होने की जानकारी पर विवेचक का माथा ठनका।
कृष्णानगर क्षेत्र में लावारिस बैग में मिले महिला के टुकड़ों के फोटो से मिलान करते हुए पड़ोसियों से तहकीकात की। अंगूठी व टैटू से शिनाख्त होने पर कमरा खंगाला तो टंकी के पाइप पर रखे युवक के गीले कपड़ों में खून के धब्बे नजर आए। इसके साथ महिला की हत्या के बाद उसके टुकड़े बैग व बोरी में भरकर फेंकने की गुत्थी सुलझने लगी।
सुलझने लगी महिला के कत्ल की गुत्थी, नए दोस्तों को लेकर बिगड़े थे तीसरे से संबंध
कृष्णानगर थाने की पुलिस 23 मार्च की सुबह डॉ. राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय की पार्किंग के सामने फुटपाथ पर लावारिस बैग में मिले महिला के हाथ- पैर व सिर की शिनाख्त के लिए खाक छान रही थी। अगले दिन पारा क्षेत्र के बीबीखेड़ा में लावारिस बोरी में महिला का धड़ मिला।
इससे पारा क्षेत्र में महिला की हत्या की आशंका गहराई, लेकिन फोरेंसिक टीम द्वारा सिर व हाथ- पैर और धड़ एक ही महिला का होने की पुष्टि किए जाने पर तफ्तीश का जिम्मा कृष्णानगर पुलिस पर ही रहा। पारा थाने की पुलिस विवेचना में सहयोग की खानापूरी करती रही।
परदा डाल वाह-वाही बटोर रही पुलिस
आलाअफसरों ने बैग में महिला के टुकड़े देखने के बाद घरेलू हिंसा के चलते पति द्वारा हत्या की आशंका जताई थी। तीसरे दिन गांव पारा निवासी बाबूलाल कनौजिया ने अपने भाई सुनील कनौजिया की गुमशुदगी पारा थाने में दर्ज कराई।
सुनील चार- पांच माह से हंसखेड़ा स्थित न्यू कांशीराम कॉलोनी में अपनी पत्नी भारती पांडेय के साथ किराए पर रह रहा था। सुनील कनौजिया की गुमशुदगी दर्ज करते वक्त पारा थाना प्रभारी व उनकी टीम ने दो दिन पहले बीबी खेड़ा में बोरी में मिले महिला के धड़ और घरेलू हिंसा में पति द्वारा हत्या की आशंका को भुला दिया था।
जब काटने शुरू किये चक्कर
सुनील का सप्ताह भर बाद भी कुछ पता न चलने पर भाई बाबूलाल ने थाने- चौकी के चक्कर काटने शुरू किए तो विवेचक ने इश्तहार छपवाने की सलाह दी और 12वें दिन फोटो की तलाश में न्यू कांशीराम कॉलोनी में उसके कमरे का ताला तोड़ा।
फोटो में सुनील के साथ नजर आई महिला के लापता होने की भनक लगने पर पुलिस को बैग व बोरी में भरकर फेंके गए महिला के टुकड़ों की सुधि आई। पड़ोसियों द्वारा अंगूठी, टैटू के साथ चेहरा पहचानने जाते ही पारा थाने की पुलिस ने लापरवाही पर परदा डालने के साथ बैग व बोरी में भरकर फेंके गए महिला के टुकड़ों की शिनाख्त की वाहवाही बटोरनी शुरू कर दी।
पहचान के चंद घंटे में डाटा तैयार
पुलिस को मकान मालिक दिलीप कुमार से पता चला कि भारती पांडेय नामक महिला ने पांच महीने पहले 1800 रुपये महीने पर कमरा किराए पर लिया था। उसने आईडी की प्रति देते हुए बताया था कि नाका क्षेत्र की एक कंपनी में काम करती है। कभी कभार पति उससे मिलने आते हैं।
आईडी में भारती पांडेय के पति का नाम रामगोपाल पांडेय और नाका के होलीग्राम स्कूल आर्यनगर का पता दर्ज था। पुलिस ने रामगोपाल की तलाश में नाका क्षेत्र में तहकीकात शुरू की। पता चला कि भारती 12 साल पहले अपने बेटे राजकुमार के साथ कोलकाता से आई थी।
उसने होलीग्राम स्कूल के रिक्शा चालक रामगोपाल पांडेय से शादी कर ली। रामगोपाल ने उसके बेटे को अपना लिया। तीनों लोग नेवाज खेड़ा में दिलीप कुमार के मकान में रहने लगे। भारती इलाके में चाऊमीन फैक्ट्री में काम करके घर के खर्च में हाथ बंटाने लगी। उसने दो बेटियों चांदनी व लक्ष्मी को जन्म दिया।
… बच्चों को छोड़ थामा तीसरे का हाथ
चाऊमीन फैक्ट्री में काम करने के दौरान भारती की सामने स्थित एल्युमीनियम की दुकान में फ्रेमिंग का काम करने वाले सुनील कनौजिया से दोस्ती हुई। कोलकाता से साथ लाए बेटे और रामगोपाल के साथ रहकर जन्मी दोनों बेटियों को छोड़ साढ़े तीन साल पहले सुनील का हाथ थाम लिया। रामगोपाल ने उसे वापस लाने की कोशिश की।
नतीजा न निकलने पर तीनों बच्चों को लेकर गोंडा स्थित अपने मूल निवास चला गया। भारती करीब ढाई साल सुनील के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रही और पिछले साल राजाजीपुरम की शक्ति महिला कल्याण समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दोनों ने शादी कर ली।
बर्तन व वाइपर पर दिखे खून के निशान
पुलिस ने भारती व सुनील की शादी कराने वाली संस्था की अध्यक्ष रजनी यादव व कांशीराम कॉलोनी में उनके पड़ोसियों से तहकीकात की। पता चला कि भारती कई लोगों से फोन पर लंबी बात और उनके साथ घूमती थी। सुनील इस पर आपत्ति जताता था। इसे लेकर दोनों में आए दिन झगड़ा होने लगा था।
बात काफी बिगड़ने पर भारती पांडेय ने अलग कमरा किराए पर लिया था। इससे पहले वह डेढ़ साल सुनील के साथ कांशीराम कॉलोनी के एक अन्य मकान में भूतल पर रही। सुनील नए मकान में कभी- कभी उससे मिलने जाता था।
ऐसे खुला राज़
बैग व बोरी में भरकर फेंके गए टुकड़ों की शिनाख्त का पता चलने पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। कमरे में टंकी के पाइप पर सुनील पीली जींस व काली शर्ट पर खून के हल्के धब्बे के अलावा कोई साक्ष्य नहीं मिला। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने फोरेंसिक टीम भेजकर जांच कराई। टेस्ट में कमरे में रखे वाइपर, प्लास्टिक के टब, स्टील के मग और फर्श पर खून के निशान नजर आने लगे।
आरी से किए गए शरीर के टुकड़े
पुलिस अफसरों का मानना है कि भारती की अन्य लोगों से नजदीकी से नाराज तीसरे पति सुनील कनौजिया ने उसकी हत्या की थी। हत्या में अन्य लोगों की संलिप्तता को लेकर गहन छानबीन की जा रही है।
आशंका है कि फ्रेमिंग के लिए एल्युमीनियम काटने वाली आरी से भारती के शव के टुकड़े किए गए थे। फिलहाल इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से सुनील की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।