सैय्यद मोहम्मद अब्बास
भारतीय क्रिकेट की बात जब भी होती है तो इसमें सचिन तेंदुलकर नाम सबसे ऊपर आता है। सचिन के खेल की वजह से उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। सचिन के संन्यास के बाद अगर किसी खिलाड़ी की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है तो वह है विराट कोहली। कोहली सचिन के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। लगातार बल्ले से कमाल करने वाले विराट कोहली रिकॉर्डों की झड़ी लगा रहे हैं।
कोहली में दम लेकिन आईपीएल में बेदम
टीम इंडिया की कप्तानी में विराट कोहली जीत का डंका बजा रहे हैं। विदेशी पिचों पर विराट का जलवा देखने को मिल रहा है। उनकी बेखौफ बल्लेबाजी के आगे दुनिया के धाकड़ गेंदबाज भी बेबस नजर आ रहे हैं। पिच कोई भी हो, उससे विराट कोहली को कोई फर्क नहीं पड़ता है। भारत के लिए खेलते हुए उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाया हो लेकिन आईपीएल में विराट कोहली का खेल ही नहीं बतौर कप्तान भी सवालों के घेरे में है। केकेआर के खिलाफ एक पारी को छोड़ दिया जाये तो उनका बल्ला खामोशी की चादर ओढ़ा हुआ है। आलम तो यह है कि वह एक-एक रन के तरस रहे हैं। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अब तक पांच मुकाबले खेले लेकिन अब तक उसका अंक तालिका में खाता नहीं खुला है।
आईपीएल के डेब्यू में फिसड्डी साबित हुए थे विराट
साल 2008 में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू करने वाले विराट कोहली का प्रदर्शन आईपीएल के पहले सत्र में बेहद खराब रहा था। इसी साल आईपीएल के पहले सीजन यानी साल 2008 में भी डेब्यू किया लेकिन उनके लिए यह सत्र बेहद खराब रहा। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते हुए 13 मुकाबलों में 165 रन ही बना सके लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मालिक विजय माल्या ने उनपर तब भी भरोसा कायम रखा। इसके बाद दूसरे सीजन में भी उनका बल्ला उस हिसाब नहीं बोला था। दरअसल उस समय विराट टीम इंडिया में नये-नये आये थे लेकिन बाद के दौर में विराट कोहली का सिक्का टीम इंडिया में जम गया तो दूसरी ओर आईपीएल में उनका खेल जमने लगा था। दूसरे सीजन में उन्होंने 246 रन बनाये लेकिन इसके बाद विराट कोहली टीम इंडिया की बल्लेबाजी की सबसे मजबूत कड़ी बनकर सामने आ चुके थे।
तीसरे सीजन में भी फ्लॉप रहे थे विराट
उन्होंने इस सीजन में 307 रन बनाये। ये वो दौर था जब उनमें सचिन तेंदुलकर झलक दिखने लगी थी। दूसरी ओर आईपीएल में विराट कोहली का खेल चल पड़ा। तीन खराब सीजन के बाद विराट कोहली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा ।
विजय माल्या का भरोसा उनपर अब तक कायम है
लगातार तीन सीजन में उनकी बल्लेबाजी में वो दम नहीं आया था लेकिन इसके बाद पूरी तरह से विराट का खेल बदल चुका था। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते हुए उन्होंने कई रिकॉर्डों की झड़ी भी लगानी शुरू कर दी थी। इसके बाद विराट कोहली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन उनकी टीम ने अभी तक कोई खिताब नहीं जीत सकी है। डेब्यू के चार साल बाद विराट कोहली की धमक विश्व क्रिकेट में देखने को मिलने लगी। इसके बाद आईपीएल के छठवें सीजन में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी भी सौंप दी गई।
आईपीएल 2016 में विराट कोहली का बल्ला कुछ ज्यादा ही बोल रहा था। उन्होंने इस साल आईपीएल के 16 मुकाबलों में 973 रन बनाये। इस दौरान उनका औसत भी गजब का था। 81.08 के औसत से विराट ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए। इस दौरान उन्होंने चार शतक भी जड़े थे। विराट रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से शानदार प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन उनकी टीम हर सीजन में हारती रही है। मौजूद सीजन के पांच मुकाबलों में 162 रन बनाये हैं।
आईपीएल-12मैच-05रन-162आईपीएल-09मैच-16रन-973औसत-81.08शतक-04आईपीएल ओवरऑलमैच-168रन-5110शतक-04औसत-38.13
आखिर क्यों हार रही है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में भले ही शानदार खिलाडिय़ों की भरमार हो लेकिन उनका टीम चुनाव बेहद खराब रहा है। अंतिम 11 का चुनाव भी ठीक नहीं रहा है। कप्तानी में विराट कोहली पहले जैसे नहीं रहे हैं। हालांकि भारत को खेलते हुए उनका प्रदर्शन शानदार रहा है लेकिन आईपीएल में उनपर दबाव देखा जा सकता है। आईपीएल में एक बार खिताबी जंग पहुंची थी लेकिन खिताब नहीं जीत सकी थी। उनका भाग्य और इस आईपीएल में उनका बल्ला भी उनसे रूठा नजर आ रहा है। जानकर मान रहे हैं कि अब विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी से हटा देना चाहिए।