जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान ने उसके वायु क्षेत्र में से किसी भी भारतीय विमान के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो अब तक जारी है। इसके चलते यूरोप और अमेरिका की उड़ानों को लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा और कंपनी को रोजाना पांच करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है।
घरेलू उड़ानों में भले ही एयर इंडिया अपनी बादशाहत खो चुका हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मामलों में एयर इंडिया के पास अब भी कारोबार का बड़ा हिस्सा है। एयर लाइन 37 विदेशी गंतव्यों के लिए उड़ाने भरती है। इनमें से करीब आधे गंतव्य अमेरिका और यूरोप में हैं।
यूरोप में एयर इंडिया लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट समेत 10 स्थानों के लिए, जबकि अमेरिका में न्यूयॉर्क एवं शिकागो समेत पांच स्थानों के लिए उड़ानों का संचालन करती है।
इन सभी गंतव्यों के लिए पाकिस्तान के ऊपर से उड़ानें जाती थीं। हालांकि 27 फरवरी से पाक वायु क्षेत्र पर प्रतिबंध लग जाने की वजह से उड़ानों को खाड़ी देशों के ऊपर से जाना पड़ रहा है। इससे उड़ानों की अवधि में दो घंटे तक का इजाफा हो जा रहा है और इस वजह से ईंधन की खपत में खासी बढ़ोतरी हो रही है।
वहीं, अमेरिका की उड़ानों में अतिरिक्त स्टॉपेज लेने की भी जरूरत पड़ रही है, इससे भी उड़ानों का खर्च बढ़ रहा है। कंपनी ने वियना और बर्मिंघम की उड़ानों पर हाल ही में रोक भी लगा दी है।
मालूम हो, पिछले सप्ताह पाकिस्तान की सरकार ने भारत, मलेशिया और थाईलैंड के अलावा अन्य सभी देशों के लिए चलने वाली उड़ानों के लिए अपने वायुक्षेत्र से प्रतिबंध हटा लिया था।
लेना पड़ रहा है अतिरिक्त स्टॉपेज
अमेरिका की दूरी काफी अधिक होने के चलते विमानों को अतिरिक्त स्टॉपेज भी लेने पड़ रहे हैं, इससे भी उड़ानों का खर्च बढ़ रहा है। कंपनी ने बर्मिंघम और वियना की उड़ानों पर फिलहाल रोक भी लगा दी है।
अब इस रूट का इस्तेमाल
पश्चिम की ओर जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानें अब पाकिस्तान के एयरस्पेस से होकर नहीं जा सकतीं। उन्हें यूरोप और उत्तरी अमेरिका जाने के लिए दक्षिण की ओर होकर, यानी गुजरात के ऊपर से होते हुए अरब सागर पार कर जाना पड़ता है।
एयर इंडिया के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत पैदा करने वाली उड़ानें अमेरिका के पूर्वी तट – वॉशिंगटन, न्यूयार्क और शिकागो जाने वाली उड़ानें हैं।