Saturday - 2 November 2024 - 7:02 PM

2014 के मुकाबले कितना बदल गया है 2019 का चुनाव

पॉलिटिकल डेस्क।

सत्रहवीं लोक सभा के गठन के लिए देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच 7 चरणों में भारतीय आम चुनाव अयोजित कराये जायेंगे। 23 मई को चुनाव के परिणाम घोषित किये जाएंगे और इस बात का फैसला होगा कि जनता किसे स्वीकार करती है और किसे नकारती है। चुनाव के लिए इन दिनों सभी दलों के नेताओं द्वारा प्रचार किया जा रहा है। नेता जनसभाएं करके और घर-घर पहुंचकर लोगों को अपनी बातें समझा रहे हैं, लेकिन जनता क्या समझती है यह चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

हालांकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव और आगामी चुनाव के मुद्दों को देखने पर यह समझ में आता है कि तब और अब के समय में बहुत बदलाव हो चुका है। पिछले लोकसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी को जबरदस्त समर्थन देकर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था। 2014 से पहले बीजेपी विपक्ष में थी और कांग्रेस लगातार दो बार सरकार बनाकर सत्ता का सुख भोग रही थी। अब मामला उससे उलट है वर्तमान में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार चलाई है और कांग्रेस सत्ता से बाहर है।

कांग्रेस के खिलाफ लोगों में था गुस्सा

2014 के चुनाव में कांग्रेस को मात्र 44 सीटें मिली थीं. दरअसल उस समय यूपीए सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा था। दिल्ली में हुए वीभत्स हत्याकांड और भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन ने कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। इसके आलावा मनमोहन सरकार के समय हुए कई घोटाले और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर जमीन घोटाले के आरोप भी कांग्रेस के लिए भारी पड़े थे।

पीएम मोदी की थी हिंदुत्ववादी और विकास पुरुष की छवि

2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने पीएम कैंडिडेट घोषित किया था। पीएम मोदी की छवि कट्टर हिन्दुत्वादी नेता की थी साथ ही गुजरात मॉडल को लेकर भी लोगों ने पीएम मोदी को वोट दिया था। वहीं कांग्रेस की छवि अल्पसंख्क तुष्टिकरण की बन चुकी थी यही वजह है कि उसके बाद राहुल गांधी ने कई मंदिरों के दौरे किए हैं और उनके गोत्र व कश्मीरी पंडित होने का प्रचार भी किया गया।

साल 2014 के चुनाव में राम मंदिर निर्माण और सीमा सुरक्षा को लेकर भी बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था। राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी के लिए शुरू से ही प्रमुखता में रहा है लेकिन इन पांच सालों में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद मंदिर निर्माण ना हो पाना 2019 के चुनाव में बीजेपी विरोधियों के लिए मुद्दा बन गया है।

एनडीए के सहयोगी दल हैं नाराज

लोकसभा 2014 के चुनाव में यूपीए के घटक दल कांग्रेस से नाराज थे तो वहीं इस बार एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में अगर बीजेपी की सीटों में कमी आती है और कांग्रेस 125 सीटों को जीतने में सफल होती है तो पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने में मुश्किल हो सकती है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com