पॉलिटिकल डेस्क
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान शुरू होने में महज कुछ ही दिन बाकी हैं। सभी पार्टियां जोर-शोर से अपने चुनावी प्रचार में लगी हैं। इस बदलते दौर में इंसान के जीवन की तरह चुनाव भी हाईटेक होते जा रहे हैं। इस बार निर्वाचन आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वीवीपैट का भी इस्तेमाल कर रहा है।
इन सबके बीच देश की एक लोकसभा सीट ऐसी भी है जहां पर इस चुनाव के दौरान मतदान के लिये ईवीएम का नहीं बल्कि बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। विपक्षी पार्टियां जहां ईवीएम को लेकर विवाद खड़ा करती है और बैलेट पेपर से मतदान करने का मांग करती हैं। वहीं, निजामाबाद में प्रत्याशियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि निर्वाचन आयोग को खुद मजबूरी में बैलेट पेपर से मतदान कराना पड़ रहा है।
Telangana Chief Electoral Officer: There are 185 contestants in the fray in Nizamabad so we will be conducting the elections using ballot papers. Ballot papers have been used in the state in 1996 and 2010 and also the in the recent Gram Panchayat elections held in January 2019
— ANI (@ANI) March 29, 2019
बैलेट पेपर इस्तेमाल किए जाने का कारण
निजामाबाद में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर इस्तेमाल किए जाने का कारण यहां उम्मीदवारों की भारी तादाद है। दरअसल, एक ईवीएम में अधिकतम 16 उम्मीदवारों के ही नाम दर्ज हो सकते हैं। एक कंट्रोल यूनिट अधिकतम चार ईवीएम से ही जुड़कर इनका रिकॉर्ड दर्ज कर सकती है। यानी एक कंट्रोल यूनिट अधिक से अधिक 64 उम्मीदवारों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने बताया कि, ‘निजामाबाद लोकसभा सीट पर नामांकन की अंतिम तारीख 25 मार्च तक 200 से ज्यादा नामांकन कराए गए थे । बाद में हुई स्क्रूटनी में छंटनी के बाद 189 उम्मीदवारों के नाम बचे थे । जिनमें से 4 ने अपना नामांकन वापस ले लिया और अब 185 उम्मीदवार मैदान में हैं’।
क्यों बढ़ी उम्मीदवारों की संख्या
इस लोकसभा सीट पर खास बात यह है कि इस बार 178 उम्मीदवार किसान हैं जो हल्दी और लाल ज्वार उगाते हैं और सभी ने निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन कराया है, ताकि उनकी फसलों के सही भुगतान की मांग प्रमुखता से उठ सके। बताया जा रहा है कि शुरुआत में करीब 1000 किसान चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन काफी खींचतान के बाद 178 किसानों ने नामांकन कराया।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा, ‘क्योंकि ईवीएम के जरिये मतदान कराना संभव नहीं है, इसलिए हम बैलेट पेपर का इस्तेमाल करेंगे। हमनें भारतीय निर्वाचन आयोग को इस मामले की जानकारी दे दी है और उनके निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं’।
पहले भी बैलेट पेपर से हुआ है मतदान
गौरतलब है कि तेलंगाना में 1996 और 2010 में भी बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा हाल ही में जनवरी 2019 के ग्राम पंचायत चुनाव में भी बैलेट पेपर से वोटिंग हुई थी।