Thursday - 1 August 2024 - 12:07 PM

तो इस वजह से कांग्रेस ने खींच लिया बाहुबली की बिटिया से अपना हाथ

मल्लिका दूबे

नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है। राहत इंदौरी का ये शेर लोकसभा चुनाव में यूपी में पार्टियों के टिकट बंटवारे पर सटीक बैठता है। यूपी के महराजगंज संसदीय सीट पर एक बाहुबली की बिटिया सियासी पशोपेश में फंस गयी है। महज दस दिनों के अंदर एक नए नवेले दल से चुनाव लड़ेन की ‘चाबी’ मिली तो कभी आजादी के पहले से अस्तित्व में आयी राष्ट्रीय पार्टी का ‘हाथ’।

‘चाबी’ पकड़ने में असमंजस था लेकिन हाथ थामते ही दिलचस्पी बढ़ गयी। लेकिन, चंद घंटों में ही ‘हाथ’ खींच जाने से अब समझ में नहीं आ रहा कि विधानसभा चुनाव की सफल इवेंट मैनेजर अब क्या करे।

यह सियासी किस्सा है यूपी के बाहुबली नेता और चर्चित कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में सपत्नी जेल की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की बड़ी बेटी तनुश्री त्रिपाठी का। महराजगंज जिले के नौतनवां विधानसभा क्षेत्र से दो साल पहले भाई अमन मणि त्रिपाठी को प्रतिकूल परिस्थिति में भी निर्दल विधायक बनवाने में दमदार भूमिका निभाने वाली तनुश्री सियासी भंवर में उलझ गयी हैं।

कुछ ही रोज पहले शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी प्रसपा से उन्हें महराजगंज संसदीय क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित किया था। प्रसपा की चाबी (चुनाव चिन्ह) मिलने पर तनुश्री न इकरार कर रही थीं, न ही इनकार। बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने भी उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। राहुल-प्रियंका की जोड़ी से पूर्व के चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस के लाइमलाइट में आने से तनुश्री ने फौरन ‘हाथ’ का साथ कबूल कर लिया।

लेकिन, उनके मंसूबों पर उस समय पानी फिर गया जब कुछ घंटों बाद जारी अगली लिस्ट में कांग्रेस ने महराजगंज के लिए उनका टिकट काटकर इस संसदीय क्षेत्र के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद रहे हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया को अपना प्रत्याशी बना दिया। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तनुश्री त्रिपाठी का नाम घोषित होते ही कांग्रेसी राजनीति में क्षणिक भूचाल आ गया।

वजह, तनुश्री के भाई अमन मणि त्रिपाठी पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रकारांतर में वरदहस्त। अमन मणि भले ही निर्दल विधायक हैं लेकिन उन्हें सियासी घमासान शुरू होने से पहले अकसर योगी के आसपास देखा जाता रहा है। वर्ष 2007 में गोरखपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान जब योगी गोरखपुर जेल में थे तो अमन मणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि ने उनका पूरा ख्याल रखा था।

सियासत में यह चर्चा आम है कि योगी अमन के प्रति साफ्ट कार्नर रखते हैं। पार्टी नेताओं ने नेतृत्व को समझाया कि तनुश्री को टिकट देने पर मैसेज अच्छा नहीं जाएगा। उधर संगठन के बड़े नेता पूर्व कांग्रेसी सांसद स्व. हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया का नाम स्थानीय कांग्रेसी फाइनल मानकर चल रहे थे। हर्षवर्धन की बिटिया के नाम पर स्थानीय नेताओं को कोई आपत्ति नहीं थी। लिहाजा, चंद घंटे में ही तनुश्री की जगह सुप्रिया का नाम नई सूची में जारी कर दिया गया।

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