जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कमाऊ निगमों में शुमार यूपीएसआईडीसी कई सालो से घोटाले के चलते अक्सर चर्चा में रहा है, जांच इतनी ऊपर तक चल रही है की यूपी के मंत्री तक इसमें हस्तक्षेप करने से कतराते रहे है।
लेकिन इस निगम के जिस अधिकारी की संपत्ति जब्त की गयी है उसके किस्से और कहानी किसी से छिपी नहीं है। मज़े की बात ये है की इसको अप्रैल 2018 में निलंबित किया जा चुका है।
आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के पूर्व मुख्य अभियंता अरुण कुमार मिश्रा की 208 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्त कर लिया है। यूपीएसआईडीसी में अरुण टाउन प्लानर थे। जब्त की गई संपत्ति नई दिल्ली के पॉश इलाके पृथ्वीराज रोड पर स्थित है।
यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति रोधी कानून के तहत की गई है। इस कानून के तहत आयकर विभाग ने मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह संपत्ति 2007 में कोलकाता स्थित अजंता मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई थी और इसकी कीमत 21.50 करोड़ बताई गई थी। अरुण मिश्रा को अप्रैल 2018 में निलंबित किया जा चुका था।
उन पर सटे गाजियाबाद और नोएडा में गैरकानूनी तरीके से भूखंडों का भू-उपयोग परिवर्तन (परियोजना परिवर्तन) कर करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप है।