पॉलिटिकल डेस्क
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्ते अब किसी से छुपे नहीं है। आलम तो यह है कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव दोनों एक दूसरे को देखना नहीं चाहते हैं। कई मौकों पर अखिलेश ने चाचा की मौजूदगी पर कार्यक्रम से किनारा करते देखा गया है। दूसरी ओर अखिलेश के चाचा शिवपाल भी अपने भतीजे को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कई बार अखिलेश की तीखी आलोचना की है लेकिन शिवपाल यादव अपने भाई मुलायम के प्रति हमेशा वफादार रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रसपा को नेताजी का आर्शीवाद प्राप्त है।
अब शिवपाल यादव ने मुलायम की खातिर फिरोजाबाद सीट से चुनाव लडऩे के लिए नामांकन की तारीख बदली दी है। सपा से मिली जानकारी के अनुसार मुलायम सिंह यादव एक अप्रैल को मैनपुरी से लोकसभा चुनाव के पर्चा भरने वाले हैं। उसी दिन शिवपाल यादव भी फिरोजाबाद से नामांकन करने वाले थे लेकिन जब ये पता लगा कि नेताजी भी उसी दिन नामांकन करने वाले हैं तो शिवपाल यादव ने भाई की खातिर अपने कदम पीछे कर लिये हैं। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव 1 अप्रैल के बजाए 30 मार्च को फिरोजाबाद लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में है। उधर शिवपाल यादव ने कहा है कि उनका गठबंधन अगर कांग्रेस से होता तो शायद यूपी में बीजेपी को मजबूती से हराया जा सकता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा एक साथ चुनावी मैदान में उतर रही है जबकि कांग्रेस अलग होकर यूपी में चुनावी मैदान में ताल ठोंकती नजर आएगी। शिवपाल यादव को यूपी में उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। इस वजह से शिवपाल यादव को पीस पार्टी से गठबंधन करना पड़ा।