जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट ने मानव सभ्यता के इन दो महान प्रतीकों के वचनों को बुद्ध- कबीर यात्रा द्वारा फिर से याद कर समाज की नयी पीढ़ी को उससे अवगत कराने का बीढ़ा उठाया है। सामाजिक सद्भाव और भाईचारे हेतु पिछले दो सालों से लगातार निकाली जा रही संदेश यात्रा से आज हर वर्ग जुड़ रहा है, जो हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। ये बातें ट्रस्ट के समन्वयक शैलेन्द्र कबीर ने कहीं।
बुद्ध से कबीर ट्रस्ट की ओर से रविवार को गोमतीनगर स्थित शीरोज रेस्टोरेंट में भारत की साझी सांस्कृतिक विरासत पर आधारित गोष्ठी ढाई आखर प्रेम का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कई वक्ताओं ने अपने- अपने विचार रखे। कार्यक्रम में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दर्शकों को दिखाई गयी। कबीर संगीत और लघु नाटिका का मंचन किया गया, जो दर्शकों को काफी पसंद आया।
वाराणसी के प्रेरणा कला मंच के निदेशक फादर आनंद ने कहा कि भारतीय परंपरा में वसुधैव कुटुंबकम और कबीर के ढाई आखर प्रेम वाली सोच जिसे हमारे ऋषि- मुनियों ने और मध्यकालीन युग में सूफी कवियों ने और आधुनिक युग में संत विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि ने जिंदा रखा था। आज भारत के हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि इसी भारतीयता को यानी साझी विरासत की परंपरा को मजबूती के साथ जीवित रखे।
ट्रस्टी देवयानी दूबे ने बुद्ध से कबीर ट्रस्ट तक के कार्यों एवं उद्देश्य का उल्लेख करते हुए आगामी योजनाओं के बारे आये वक्ताओं और दर्शकों को विस्तार से बताया कि भविष्य में किस तरह लोगों को भारतीय परंपरा और संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा करेगी। कार्यक्रम में अब्दुल कलाम के कबीर संगीत को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं जन जागृति गायन के तहत तू ही राम तू ही रहीम है… के बोल सुन श्रोताओं के मन में कबीर की यादे ताजा हो गयी।
कार्यक्रम में डा. अमित सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल गीता सिंह, रिषभ जगदम्बा, जुबिली पोस्ट के एडिटर इन चीफ डा. उत्कर्ष सिन्हा सहित सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सफल आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिक्षा विभाग की एडीशनल डायरेक्टर ललिता प्रदीप, बीएसएनएल के प्रिसिपल जनरल मैनेजर नीरज वर्मा, रेमन मग्सेसे आवर्ड विजेता संदीप पाण्डेय, कथक नृत्क प्रशस्ति तिवारी, आनंद पाठक, यूपीएमए अध्यक्ष डा. अशोक यादव, सुभाष चंद्र कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे।