जुबिली पोस्ट डेस्क
नई दिल्ली। मौजूदा समय में भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह सब बीते पांच सालों में उठाए गए आर्थिक सुधारों के कारण संभव हुआ है। हालांकि, अभी इस सुधार प्रक्रिया को चालू रखने के लिए काफी काम करने की जरूरत है। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की सूचना निदेशक गैरी राइस ने कही है।
पिछले 5 वर्षों में लगभग 7% की दर से विकास कर रहा भारत अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में गैरी राइस ने कहा कि भारत निश्चित रूप से देर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में लगभग सात प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि भारत में बीते पांच सालों में महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया गया है। हमें लगता है कि इस उच्च विकास दर को बनाए रखने के लिए और अधिक सुधारों की आवश्यकता है। गैरी का कहना है कि भारत को अपनी विशाल जनसंख्या का लाभ भी आर्थिक विकास के लिए उठाना चाहिए।
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक सर्वे में जारी होगी रिपोर्ट
राइस ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तृत रिपोर्ट वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) सर्वे में जारी की जाएगी। यह रिपोर्ट अगले माह होने वाली IMF की सालाना बैठक में जारी होगी। भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ के IMF की मुख्य अर्थशास्त्री बनने के बाद पहली बार यह रिपोर्ट जारी होगी।
हालांकि, आईएमएफ ने बैंक के एनपीए और कर्जमाफी को बड़ी समस्या माना है। राइस का कहना है कि भारत में इस समय कई कंपनियां दिवालिया शोधन कानून प्रक्रिया से गुजर रही है। इसके अलावा तेज और समावेशी विकास दर को हासिल करने के लिए राज्य सरकारों को भी आर्थिक मोर्चे पर बेहतर नतीजे दिखाने होंगे।
अंतरराष्ट्र्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत में किसानों की कर्ज माफी करना राज्य सरकारों का एक सही कदम नहीं है। इसके मुकाबले उनके बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करना बेहतर है। कर्ज माफी से किसानों की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी।