शिक्षा निदेशालय के पिछले साल के सर्कुलर को, जिसमें प्राइवेट स्कूल्स को फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी हाईकोर्ट ने आज निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट द्वारा इस सर्कुलर को निरस्त करने के बाद दिल्ली के 400 से ज्यादा निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले के बाद अभिभावकों के जेब पर बोझ पडऩा तय है। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल पिछले सत्र 2017-18 की बढ़ी हुई फीस भी अभिभावकों से वसूलने के लिए भी स्वतंत्र होंगे।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के पिछले साल के 13 अप्रैल के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया है जिसमें फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाई गई थी। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह इस आदेश को डबल बेंच में चुनौती देगी या नहीं।
अब दिल्ली के 400 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात कहकर अभिभावकों से पिछले साल जो फीस वसूली थी, अब हाईकोर्ट से आए आदेश के बाद वो भी नहीं लौटानी होगी।
मालूम हो कि शिक्षा निदेशालय ने पिछले साल 13 अप्रैल को सर्कुलर जारी किया था कि प्राइवेट स्कूलों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए फीस बढ़ाने से रोका जा रहा है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों को ये भी निर्देश दिए कि वो बढ़ाकर ली गई फीस अभिभावकों को वापस कर दे।
सरकार के इस आदेश के खिलाफ 400 प्राइवेट स्कूलों के संगठनों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर उन्हें कोर्ट से पिछले साल मई में ही अंतरिम राहत मिल गई थी और हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को लागू करने से तब तक के लिए रोक दिया था,जब तक वह इस पर अपना फैसला न सुना दे।