रेशमा खान
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बिहार इकाई द्वारा एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो आम चुनावों में 17 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन करेगी। बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र चौबे की अध्यक्षता में पटना में एक उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान इस मुद्दे के बारे में निर्णय लिया गया।
पार्टी नेताओं ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को चुनाव समिति के साथ चर्चा करने और अंतिम अनुमोदन के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड के सामने पेश होने वाले उम्मीदवारों की सूची तैयार करने के लिए अधिकृत किया गया है।
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने चुनाव समिति की बैठक के बाद जुबली पोस्ट को बताया कि,
“भाजपा ने सभी 40 सीटों पर एऩडिए के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। उम्मीदवारों के चयन और सीट आवंटन को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।”
बिहार में भाजपा और जद-यू 17- 17 और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा बाकी के 6 सिटों पर चुनाव लडेगी। सूत्रों के अनुसार एनडीए के तीनों दल – जद-यू, बीजेपी और लोजपा सिटों के आवंटन के लिए पहले भी कई बार बैठकें कर चुकी हैं, मगर अबतक इस मुद्दे पर आम राय नही बन पाई है।
तीन दिग्गजों के टिकट पर संकट
सूत्रों नें बताया कि फायरब्रांड भाजपा नेंता गिरिराज सिंह की नवादा सीट लोजपा के खाते में जा सकती है। दो अन्य केन्द्रिय मंत्री अश्विनी चौबै और आरके सिंह के भी सीटों पर जद-यू और लोजपा अपने उम्मीदवार उतार सकती हैं।
हालांकि, सूत्र ये भी बता रहे हैं कि गिरिराज सिंह को नवादा के बदले बेगूसराय सीट से चुनावी मैदान में उतारनें की तैयारी की जा रही है। बैगूसराय लोकसभा सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाकपा इसी सीट से जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को लड़ाने की तैयारी कर रही है।
लोजपा सूत्रों के अनुसार पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी विणा देवी को नावादा से लड़ाया जा सकता है। वहीं, मुंगेर सीट जो पहले लोजपा के खाते में थी, वहां से मुख्यमंत्री नितिश कुमार के करीबी और बिहार सरकार में मंत्री ललन सिंह लोकसभा चुनाव लडने की तैयारी कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी के सांसदों के टिकट में फेरबदल या इनकार करने से एनडीए में बगावत हो सकती है।