नई दिल्ली। चीन के इस कदम के बाद भारत में एक बार फिर चीन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottChineseProducts हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। लोग बढ़ चढ़ कर इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं और चाइनीज़ उत्पादों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।
Twitter पर ट्रेंड हुआ #BoycottChineseProducts
चीन ने एक बार फिर अपना चरित्र दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया। चीन ने फैसले से ऐन पहले स्थायी सदस्य होने के नाते अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल किया और प्रस्ताव को होल्ड पर डलवा दिया।
My humble request to every Indian. We must retaliate on China for this act. Show your patriotism by boycotting chinese products. Every rupee will saved by this act will be your contribution to nation and tribute to our soldiers.#BoycottChineseProducts
— Kamal Kumar (@KumarKamal152) March 13, 2019
मसूद अजहर के खिलाफ ये प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दिया। चीन ने इस कदम के साथ दुनिया भर में अपनी किरकिरी करवाई है। अमेरिका ने तो खुलेआम चीन को लताड़ भी लगाई है।
दोनों देशो के बीच कितना व्यापार?
साल 2017-18 में भारत और चीन के बीच 5 लाख 78 हजार करोड़ का व्यापार हुआ। इसमें भारत ने चीन में 85,994 करोड़ का निर्यात किया। जबकि चीन से भारत में 4 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का आयात किया गया। इसका मतलब है कि बंद करने पर चीन को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का घाटा होगा।
इस सब के बीच बड़ा सवाल ये भी है कि क्या ये मुमकिन है कि भारत चीन के सभी तरह के उत्पादों का बहिष्कार कर सके? इसका जवाब है कि ये संभव नहीं है। आसान शब्दों में कहें तो भारत आज हर तरह की जरूरत के लिए एक तरह से चीन पर निर्भर है, फिर चाहे वो खिलौने हों, टिशू पेपर हों, कॉफी हो, चाय हो या मसाले।
सजावट के फूल से लेकर मूर्तियों तक सब चाइना से
भारत में दिवाली पर पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाली भगवान की मूर्तियां, सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाली मूर्तियां और फूल से लेकर होली पर इस्तेमाल होने वाले रंग और पिचकारी तरह तरह के उत्पाद हम चीन से आयात करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत चीन से करीब 97 तरह के उत्पादों को आयात करता है। इसलिए चीन को आर्थिक नुकसान भले ही हो लेकिन इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा। अगर व्यापार बंद करना रास्ता नहीं है तो फिर चालबाज चीन का इलाज क्या है? एक्सपर्ट मानते हैं कि भारत को चीन पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की जरूरत है।
चाइना का दोहरा रवैया पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया है। चीन भारत की संवेदनशीलता और वैश्विक समुदाय की बिल्कुल परवाह नहीं करता है। भारत के पास जैश के खिलाफ अपने हिसाब से कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
पी.के सहगल, रक्षा विशेषज्ञ