लखनऊ। कॉमर्शियल रन के पहले 2019 लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी को कई सौगातें दीं। पीएम ने कानपुर से ही पीएम ने आगरा मेट्रो रेल प्रॉजेक्ट की आधारशिला रखी और लखनऊ मेट्रो रेल के सेकंड फेज का उद्घाटन किया। इसके साथ ही अब चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के लिए मेट्रो सेवा की शुरुआत हो गई है। आम लोगों के लिए 9 मार्च से सेवा की शुरुआत होगी। इस दौरान सीएम योगी ने पीएम की शायराना अंदाज में तारीफ करते हुए कहा, ‘मोदी है तो मुमकिन है।’
23 किलोमीटर में 21 स्टेशनों पर मिलेगी यात्रियों को सुविधा
लखनऊ मेट्रो के कॉमर्शियल रन की शुरूआत शुक्रवार से शुरू हो गयी है, अब पब्लिक को लेकर कल से मेट्रो राजधानी में दौड़ती हुई दिखाई देगी। राजधानीवासियों के लिए यह किसी ख्वाब के पूरे होने जैसा है। मेट्रो केवल 60 रुपये में मुंशी पुलिया से एयरपोर्ट तक पहुंचाएगी। रेडलाइन पर 23 किमी. में से करीब पांच किमी. सेक्शन भूमिगत है। एयरपोर्ट से अमौसी स्टेशन के बीच 1.5 किमी. और चारबाग से हजरतगंज के बीच 3.5 किमी. का भाग भूमिगत है। वहीं 21 में से चार भूमिगत स्टेशन इस रूट पर हैं। शुक्रवार को कानपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये ये सौगात लखनऊ के लोगो को दी।
कानपुर से लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी मिलते ही लोगो में खुशी की लहर दौड़ गयी। जैसे ही लोग अपनी मेट्रो में सवार हुए तो लोगो में बस यही जिज्ञासा थी की आखिर कैसे होंगे मेट्रो स्टेशन। आपको बता दे की सीसीएस एयरपोर्ट, अमौसी, ट्रांसपोर्टनगर, कृष्णानगर, सिंगारनगर, आलमबाग, आलमबाग बस अड्डा, मवैया, दुर्गापुरी, चारबाग, हुसैनगंज, सचिवालय, हजरतगंज, केडी सिंह बाबू स्टेडियम, विश्वविद्यालय, आईटी कॉलेज, बादशाहनगर, लेखराज, भूतनाथ मार्केट, इंदिरानगर होते हुए जब लोग मुंशी पुलिया स्टेशन पहुंचे तो लोगो ने वहां की खूबसरती देख अपनी ख़ुशी का इज़हार किया।
कानपुर में चल रहे कार्यक्रम में यूपी के राजपाल राम नाइक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, योगी कैबिनेट के उद्योग मंत्री सतीश महाना और वरिष्ठ बीजेपी नेता एव कानपुर के सांसद मुरली मनोहर जोशी की मौजूदगी में कार्यक्रम किया गया। लखनऊ में हुए समारोह में आवास और शहरी मंत्रालय के हरदीप सिंह पुरी, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, रीता जोशी, आशुतोष टंडन, सहित कई मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया सहित विधायक सुरेश श्रीवास्तव और नीरज बोरा भी इस पल के साक्षी हुए।
चुनौती भरे तीन साल
- एक दिसंबर 2016 को ट्रायल शुरू होने के बाद आरडीएसओ और सीएमआरएस की अनुमति मिलने में नौ माह का समय लग गया।
- सिंगारनगर, विश्वविद्यालय स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार के लिए जमीन मिलने का संकट खड़ा हो गया, इसके बाद चार की जगह दो प्रवेश- निकास द्वार से यहां कॉमर्शियल रन मेट्रो ने शुरू कराया।
कठिन थी डगर, लेकिन …
- गोमती नदी में स्पैन बनाने के समय 2018 में पूरा पियर ही बह गया। इसके बाद समय खराब न करते हुए तुरंत काम दोबारा शुरू करा दिया गया। इसी तरह विश्वविद्यालय स्टेशन और आलमबाग बस अड्डे पर हादसों के बाद भी सुरक्षा को पहली प्राथमिकता रखते हुए काम शुरू कराए गए।
- हजरतगंज में ऐतिहासिक मार्केट में अवैध रूप से बने भूमिगत गोदामों को बचाते हुए सुरंग की खुदाई की गई
- हैदर कैनाल नाले के नीचे खोदाई करते समय वहां किनारे पर बने घरों के ढहने का खतरा पैदा हो गया। इसके बाद परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करके नाले की तली को पूरा पक्का कर दिया गया। इसके बाद वहां सुरंग बनाई गई।
मेट्रो के सफर में खास तारीखें
- 3 मार्च 2014 – ट्रांसपोर्टनगर डिपो में मेट्रो के काम शुरू करने की नींव रखी गई
- 10 मई 2015 को पहले यू-गर्डर की लॉन्चिंग
- 20 नवंबर 2016 – पहली मेट्रो ट्रेन लखनऊ पहुंची
- 1 दिसंबर 2016 – पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्राथमिकता सेक्शन पर ट्रायल रन की शुरूआत
- 7 व 8 अगस्त 2017 – गंगा और गोमती टीबीएम ने हजरतगंज मार्केट में पहले ब्रेकथ्रू किए
- 5 सितंबर 2017 – प्राथमिकता सेक्शन पर कॉमर्शियल रन
- 15 फरवरी 2019 – मेट्रो ने पूरे 23 किमी. में काम खत्म किया
- 8 मार्च 2019 – मेट्रो पूरे रेडलाइन पर शुरू कर रही कॉमर्शियल रन