सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले का हल मध्यस्थता के जरिए हो। इसके लिए मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया है।
कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह करेंगे। इसके अलावा इन कमेटी में श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की मीडिया कवरेज पर बैन लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए बने पैनल को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 हफ्तों का समय दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केस की गंभीरता को देखते हुए इसकी मीडिया रिपोर्टिंग पर भी रोक लगा दी है।
तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की बैठके यूपी के फैजाबाद में होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैनल को चार हफ्ते के भीतर अपनी कार्यवाही शुरू करनी होगी और 8 हफ्ते के अंदर अपनी फाइनल रिपोर्ट भी देनी होगी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था।