लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फिर मोदी सरकार के खिलाफ दलित-आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर हैं। 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग कई लोग कर रहे हैं, इसी के विरोध में आज कई संगठनों ने ‘भारत बंद’ बुलाया है। दलित संगठनों के अलावा आदिवासियों ने जंगल से उन्हें बेदखल करने खिलाफ भी बंद बुलाने का आह्वान किया है।
बंद को लेकर देश के कई हिस्सों में सरकारें अलर्ट पर हैं। इस बंद में आदिवासी अधिकार आंदोलन, ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, संविधान बचाओ संघर्ष समिति जैसे बड़े संगठन शामिल हैं। बंद का समर्थन कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी जैसी बड़ी पार्टियों ने किया है।
किन-किन मुद्दों पर बंद है भारत
- उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग
- शैक्षणिक व सामाजिक रूप से भेदभाव, वंचना व बहिष्करण का सामना नहीं करने वाले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रद्द करने
- आरक्षण की अवधारणा बदलकर संविधान पर हमले बंद करने
- देश भर में 24 लाख खाली पदों को भरने
- लगभग 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए अध्यादेश लाने
- पिछले साल 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे व रासुका हटा कर उन्हें रिहा करने की मांग
बताते चले कि भारत बंद का असर दिखना भी शुरू हो गया है। यूपी के प्रयागराज में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। ये ट्रेन शहर के बैरहना इलाके में रोकी गई है। लखनऊ में काम करने वाले कई कामगार इस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं.