Thursday - 24 April 2025 - 10:18 AM

वॉटर स्ट्राइक से PAK को कितना होगा नुकसान?

जुबिली स्पेशल डेस्क

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को लेकर अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है और बुधवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटीकी आपात बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच कठोर निर्णय लिए हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान पर सबसे कड़ा फैसला

  • अटारी-बाघा बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है
  • पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता भी खत्म कर दिया गया है
  • पाकिस्तान हाई कमीशन से 5 सपोर्ट स्टाफ हटाए गए
  • भारत में पाकिस्तान उच्चायोग को बंद करने का निर्देश दे दिया गया है
  • तीनों सेनाए हाई अलर्ट पर हैं. हमले में पाकिस्तान का साथ है
  • पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी वापस बुलाए गए

ये भी पढ़ें-पहलगाम आतंकी हमले पर मल्लिकार्जुन खरगे का बयान, जानें क्या कहा

ये भी पढ़ें-शुभम द्विवेदी के बलिदान को नमन, CM ने पिता से की बात

क्या है सिंधु जल संधि? क्यों कर रहा है भारत इसका पुनर्विचार?

सिंधु जल संधि एक ऐतिहासिक समझौता है, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते की नींव विश्व बैंक की मध्यस्थता में रखी गई थी, जिसका उद्देश्य सिंधु नदी प्रणाली के जल के उपयोग को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद को टालना था।

इस समझौते के तहत सिंधु नदी प्रणाली की छह प्रमुख नदियों को दो समूहों में विभाजित किया गया:

  • पूर्वी नदियाँ: ब्यास, रावी और सतलुज — इनका पूर्ण अधिकार भारत को मिला।

  • पश्चिमी नदियाँ: सिंधु, झेलम और चिनाब — इनका अधिकतर जल पाकिस्तान को उपयोग के लिए सौंपा गया।

भारत को अपनी पूर्वी नदियों के जल का पूरा उपयोग करने की अनुमति थी, जबकि पश्चिमी नदियों का सीमित उपयोग केवल सिंचाई, घरेलू जरूरतों और गैर-उपभोग वाले उद्देश्यों के लिए किया जा सकता था।

क्यों उठी अब इस संधि को खत्म करने की बात?

हालिया आतंकी हमलों और पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे उकसावों के बीच भारत ने अब इस 60 साल पुराने समझौते पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता भी खत्म कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द करने या निलंबित करने की दिशा में गंभीर कदम उठाने की तैयारी कर ली है।

इस कदम को पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। यदि भारत यह संधि खत्म करता है, तो पाकिस्तान को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उसकी कृषि और पेयजल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा इन्हीं नदियों पर निर्भर करता है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com