जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है और सुरक्षा एजेंसियां एक्शन मोड में हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
हमले के बाद, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। यह याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा दाखिल की गई है, जिसमें देशभर से पहाड़ी और दूरदराज क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां आतंकी गतिविधियों की संभावना अधिक रहती है।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता
इस हमले के बाद से ही अमरनाथ यात्रा को लेकर चिंता गहरा गई है, जो कि 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। याचिका में कहा गया है कि पहलगाम से अमरनाथ की दूरी सिर्फ 32 किलोमीटर है, ऐसे में यहां यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
हमले के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक कश्मीर छोड़कर अपने-अपने राज्यों की ओर लौट रहे हैं, जिससे रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ देखी जा रही है।
क्या हुआ था 22 अप्रैल को पहलगाम में?
मंगलवार दोपहर करीब 2:45 बजे का वक्त था जब लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन TRF से जुड़े आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले लोगों का नाम और धर्म पूछा, फिर गोलीबारी की। इस बर्बर हमले में बच्चों समेत कई लोग मारे गए।
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मुख्य बिंदु:
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पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत
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सुप्रीम कोर्ट में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर PIL दायर
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अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग
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TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी