जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में बादल फटने के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं। भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से 100 से अधिक घर तबाह हो गए, जबकि धारमकुंड गांव में 10 घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (NH44) बाढ़ के कारण पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे आवागमन ठप हो गया है।
घटना के तुरंत बाद, भारतीय सेना ने राहत और बचाव अभियान शुरू किया। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बरतवाल ने जानकारी दी कि फंसे हुए यात्रियों और ग्रामीणों की मदद के लिए बनिहाल, कराचियाल, डिगदौल, मैत्रा और चंद्रकोट से त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) तैनात किए गए।
राहत के लिए सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
सेना ने मौके पर मौजूद लोगों को गर्म खाना, चाय, प्राथमिक चिकित्सा और अस्थायी आश्रय मुहैया कराया। पुलिस की मदद से 100 से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, ज़िला प्रशासन, ट्रैफिक विभाग और अन्य एजेंसियां सड़क को फिर से चालू करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
48 घंटे में बहाल हो सकता है हाईवे
सेना के आठ दल अभी भी स्टैंडबाय पर हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत मदद की जा सके। सड़क की सफाई और बहाली का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जिसमें केआरसीएल, सीपीपीएल और डीएमआर की निर्माण एजेंसियों के भारी मशीनरी लगी हुई हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, राजमार्ग को सामान्य होने में लगभग 48 घंटे का समय लग सकता है।
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लोगों में हौसला कायम
स्थिति गंभीर होने के बावजूद लोगों का हौसला बना हुआ है। एक फंसे हुए यात्री ने कहा, “कोई दिक्कत नहीं है… सेना है ना… सब ठीक हो जाएगा।” सेना ने भी दोहराया कि वह हर संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़ी है।