Sunday - 20 April 2025 - 1:55 PM

BJP बोली- दुबे का बयान उनका निजी, जयराम बोले- ये हिप्पोक्रेसी नहीं तो क्या है !

जुबिली स्पेशल डेस्क

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश की राजनीति में जबरदस्त घमासान छिड़ा हुआ है। संसद से पारित यह कानून अभी तक लागू नहीं हो पाया है, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज़ तक पहुंच चुका है।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को खुले तौर पर कटघरे में खड़ा कर दिया है।

शनिवार, 19 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए दुबे ने बेहद तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।”

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इतना ही नहीं, दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर धार्मिक टकराव और गृहयुद्ध भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि “भारत में हो रहे गृहयुद्धों के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।”

उनके इस बयान पर घमासान मच गया है और राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर निशाना साधा है तो दूसरी तरफ वहीं बीजेपी अध्यक्ष ने सामने आकर साफ किया कि बीजेपी का निशिकांत दुबे के बयान से पल्ला झाडा है और साफ कह दिया है कि उनक इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है। अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर भाजपा के दो सांसदों द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा दूरी बनाए जाने का कोई विशेष अर्थ नहीं है।

ये सांसद घृणा फैलाने वाले बयानों को बार बार दोहराते रहने के लिए कुख्यात हैं और अक्सर G2 द्वारा समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों पर हमले के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष का स्पष्टीकरण डैमेज कंट्रोल के अलावा कुछ नहीं है।

इससे कोई मूर्ख नहीं बनेगा। यह Entire Political Science नहीं बल्कि Entire Political Hypocrisy की मिसाल है। लेकिन निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के उच्च संवैधानिक पद पर बैठे एक अति विशिष्ट व्यक्ति द्वारा न्यायपालिका पर बार-बार की जा रही अस्वीकार्य टिप्पणियों पर पूरी तरह चुप्पी साध रखी है।

क्या इन टिप्पणियों पर उनका कोई मत नहीं है? क्या भाजपा इन बयानों का समर्थन करती है? अगर संविधान पर इस तरह के निरंतर हमलों को प्रधान मंत्री मोदी की मौन स्वीकृति नहीं है तो इस सांसद के ख़िलाफ़ कड़े कदम क्यों नहीं उठा रहे? क्या नड्डा जी ने इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया?

 

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