जुबिली स्पेशल डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस समय अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। हालांकि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में 99 सीटें जीतकर पार्टी ने थोड़ी बहुत वापसी की कोशिश जरूर की है, लेकिन इसके बावजूद राज्य स्तर पर हुए चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इस बीच राहुल गाँधी ने CWC की बैठक में कहा है कि ‘हम दलित, मुस्लिम, ब्राह्मण में उलझे रहे… OBC हमें छोड़कर चले गए’।
इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में राहुल गांधी एक बार फिर पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में कांग्रेस को फिर से मजबूत करने को लेकर पार्टी में गंभीर मंथन चल रहा है।
गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी लंबे समय तक दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण वोटबैंक में उलझी रही, जिससे ओबीसी वर्ग कांग्रेस से दूर होता चला गया।
ये भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 13 फैसलों पर मुहर, अयोध्या को मिलेंगी बड़ी सौगातें
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब कांग्रेस अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय की बात करती है, तो उसे आलोचना का सामना करना पड़ता है। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इस आलोचना से डरने की जरूरत नहीं है। पार्टी को सामाजिक न्याय और समानता के मुद्दों को निडर होकर उठाना चाहिए और बेझिझक अपनी बात रखनी चाहिए।
अधिवेशन में राहुल गांधी ने कांग्रेस के भविष्य की दिशा तय करने और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए कई सुझाव भी दिए। उनका मानना है कि संगठन में आमूलचूल परिवर्तन और व्यापक सामाजिक समीकरणों को समझते हुए रणनीति बनाने की जरूरत है।
ये भी पढ़ें-राहुल गांधी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामले में हस्तक्षेप की अपील
राहुल गांधी के इस नए रुख से कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद की जा रही है। अब देखना यह है कि क्या पार्टी इन विचारों को ज़मीन पर उतार पाती है या एक बार फिर अंदरूनी चुनौतियों में उलझकर रह जाती है।