जुबिली न्यूज डेस्क
ग्लोबल मार्केट: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों (stock-market)में हाहाकार मच गया है। एक्सपर्ट्स ने ब्लैक मंडे की आशंका जताई थी, और सोमवार सुबह जैसे ही बाजार खुले, सेंसेक्स में 3379 अंक यानी करीब 4.48% की बड़ी गिरावट देखी गई। वहीं, निफ्टी भी 1056 अंक गिरकर 21,848.40 पर आ गया।
बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 19.39 लाख करोड़ रुपये घट गया, यानी निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
ग्लोबल मार्केट में भी हाहाकार
एशियाई बाजारों में भी ट्रंप के टैरिफ का गहरा असर पड़ा।
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हांगकांग का बाजार 10% टूटा।
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चीन और जापान में 6% तक की गिरावट।
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जापान का निक्केई खुलते ही 225 प्वाइंट्स गिरा।
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अमेरिका में S&P और Nasdaq में 3% गिरावट, Dow Futures 900 प्वाइंट लुढ़का।
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ऑस्ट्रेलिया का S&P 200 इंडेक्स 6.5% गिरकर 7184.70 पर बंद हुआ।
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दक्षिण कोरिया का KOSPI 5.5% गिरकर 2328.52 पर बंद हुआ।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर हालात नहीं संभले तो अमेरिकी बाजार में 1987 जैसे हालात बन सकते हैं।
भारत के बड़े शेयरों में जबरदस्त गिरावट
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टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में 10% से ज्यादा गिरावट।
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एचसीएल टेक 7% टूटा।
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टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एलएंडटी में 6% की गिरावट।
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रिलायंस और TCS में करीब 5% गिरावट देखी गई।
आगे बाजार का क्या होगा? (stock-market)
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की नजर अब कुछ अहम फैक्टर्स पर टिकी होगी:
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9 अप्रैल: RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक।
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10 अप्रैल: TCS के तिमाही नतीजों की शुरुआत।
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अमेरिका और भारत का CPI डेटा।
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डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट और क्रूड ऑयल की कीमतें।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, “यह सप्ताह बाजार के लिए बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। ट्रंप के टैरिफ से व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है।”
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इधर, अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो बाजार में 1987 जैसा क्रैश आ सकता है।