जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार आज वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश करने जा रही है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे बीजेपी की “वोट बैंक राजनीति” करार दिया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “बीजेपी को बस जमीन से मतलब है। उन्होंने रेलवे और रक्षा से जुड़ी संपत्तियां बेच दीं। कई योजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं। हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि राजनीति उनका पार्ट-टाइम जॉब है, तो फिर दिल्ली में बैठे लोग ऐसे लोगों को हटाते क्यों नहीं?”
समाजवादी पार्टी का सख्त रुख
समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक का विरोध करने का ऐलान किया है। पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर संसद में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी बीजेपी की नीतियों के खिलाफ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा,“बीजेपी हर फैसले को वोटबैंक की राजनीति के हिसाब से तय करती है और वक्फ संशोधन विधेयक भी उसी का हिस्सा है।”
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विधेयक में क्या प्रस्तावित है?
सूत्रों के अनुसार, वक्फ संशोधन विधेयक में पुरानी वक्फ संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं होगी और राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी। इसके अलावा,
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वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे।
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वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे।
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जांच के लिए कलेक्टर की जगह एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होगा।
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कोई व्यक्ति 5 साल तक इस्लाम मानने के बाद ही संपत्ति वक्फ कर सकेगा।
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2025 से पहले वक्फ की गई संपत्ति ही मान्य होगी।
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धर्मार्थ कार्यों में लगी ट्रस्ट संपत्तियों पर यह कानून लागू नहीं होगा।