जुबिली न्यूज डेस्क
एक महिला दुल्हन बनकर ससुराल आई, लेकिन कुछ ही दिन बाद उसने ससुराल वालों को तंग करना शुरू कर दिया। आरोप है कि जब उसकी बेटी का जन्म हुआ, तो उसने अपने पति और सास-ससुर को घर से बाहर निकाल दिया। अब तीनों पीड़ित न्याय की मांग कर रहे हैं।
यह घटना राजस्थान के जोधपुर स्थित लालसागर इलाके की है, जहां एसडीएम कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति और उनके इकलौते बेटे के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने लोकल पुलिस को आदेश दिया कि वे अदालत के आदेश का पालन कर बुजुर्ग दंपत्ति और उनके बेटे को घर में प्रवेश दिलवाएं और बहू को चेतावनी दी जाए कि वह भविष्य में ऐसा व्यवहार न करे। साथ ही, पुलिस को इस स्थिति पर निगरानी रखने और कोर्ट को नियमित रूप से जानकारी देने का निर्देश भी दिया गया है।
किसी समय पर, बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने जीवनभर की कमाई से एक बड़ा मकान बनवाया था, जिसकी कीमत काफी थी। बाद में, 2012 में उनका इकलौता बेटा विवाह के बंधन में बंधा। इसके बाद, बहू ने धीरे-धीरे घर में तनाव पैदा करना शुरू किया। बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि वह इस उम्मीद में घर में बनी रही कि समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ महीने पहले, बहू ने गंभीर आरोपों और पुलिस का डर दिखाकर उन्हें और उनके बेटे को घर से बाहर निकाल दिया। इस दौरान, वह अपने पांच साल के बेटे के साथ घर में रहने लगी।
पुलिस का डर और स्थिति के बिगड़ने के बाद, बुजुर्ग दंपत्ति और उनका बेटा कई दिनों तक किराए के घरों और रिश्तेदारों के पास रहने लगे, फिर वे एसडीएम कोर्ट पहुंचे।
ये भी पढ़ें-आज BJP से इस्तीफा देने जा रहे मनीष कश्यप, वीडियो पोस्ट कर बताई वजह
कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने जब पूरा मामला सुना, तो वे भी दंग रह गए और लोकल पुलिस को आदेश दिए कि वे दंपत्ति को उनके घर में पुनः प्रवेश दिलवाएं और बहू को पाबंद करें। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
यह मामला न केवल पारिवारिक रिश्तों के बारे में है, बल्कि यह बुजुर्गों के अधिकारों और उनके सम्मान का भी सवाल उठाता है। न्याय की यह लड़ाई एक संदेश देती है कि कानून हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है, चाहे वह किसी भी उम्र का हो।