जुबिली न्यूज डेस्क
प्रयागराज में महाकुंभ का समापन हो चुका है. इस बार के महाकुंभ में तो आस्था का जनसैलाब देखने को मिल. अलग-अलग जगहों से 67 करोड़ लोग स्नान करने पहुंचे. महाकुंभ से इस बार आम जनता के साथ-साथ विभागों की भी जबरदस्त कमाई हुई है. खबर प्रतापगढ़ से है, जहां महाकुंभ सिर्फ आस्था का संगम ही नहीं बल्कि कमाई और रोजगार का भी बड़ा जरिया बना है. मां बेल्हा देवी प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन को करीब पूरे महाकुंभ के दौरान 20 करोड़ रुपए की आय हुई है. जबकि प्रतापगढ़ स्टेशन से 2 लाख यात्रियों और श्रद्धालुओं ने सफर किया है. जिससे रेलवे विभाग की करोड़ों की कमाई से गदगद है.
प्रतापगढ़ जंक्शन से होकर दो दर्जन महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का संचालन हुआ, प्रतिदिन हुआ है. साथ ही नियमित ट्रेनों का भी संचालन हुआ है, जिसके चलते 20 करोड़ रुपये की कमाई रेलवे ने किया है. इसके लिए दो दर्जन से अधिक महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का भी यहां से होकर संचालन किया गया. देखा जाए तो पिछले डेढ़ माह में मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन से महाकुंभ स्नान करने के लिए 1,67,820 रेल यात्रियों ने यात्रा की, इसमें 20 करोड़ छह लाख 91 हजार 450 रुपये का राजस्व भी हुआ.
4 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है
Confederation of All India Traders के महासचिव और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से लोक सभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि बड़ी संख्या में जो श्रद्धालु महाकुंभ आये थे वो काशी, अयोध्या और चित्रकूट भी पहुंचे. इसीलिए इस ऐतिहासिक क्षेत्र में कुल कारोबार 4 लाख करोड़ से भी ज़्यादा का हुआ. उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज, अयोध्या, काशी, चित्रकूट और मिर्जापुर में 4 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है. वहीं, सिर्फ प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 3 लाख करोड़ से अधिक की अर्थव्यवस्था खड़ी हुई है. महाकुंभ के दौरान यूपी की सरकार को 25 हजार से 30 हजार करोड़ रुपए की राजस्व की कमाई हुई है.
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राजस्थान परिवहन निगम को काफी प्रॉफिट
महाकुंभ के चलते राजस्थान परिवहन निगम को काफी प्रॉफिट हुआ. प्रयागराज महाकुंभ से रोडवेज को बंपर आय हुई. 14 जनवरी से 26 फरवरी तक बसों का संचालन किया गया. इससे रोडवेज को 5.46 करोड़ रुपये की आय हुई. 10.44 लाख किलोमीटर बसों का संचालन किया गया. महाकुंभ से 52.37 रुपये प्रति किमी की आय हुई.
अर्थव्यवस्था हुई मजबूत
इस दौरान न केवल प्रयागराज बल्कि 100-150 किलोमीटर के दायरे में आने वाले शहरों और कस्बों में भी व्यापार में शानदार उछाल आया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हुईं. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए.