जुबिली न्यूज डेस्क
सिख दंगा मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को अदालत ने उम्रभर की सजा सुनाई है। यह फैसला 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित था, जिसमें सिखों के खिलाफ हिंसा हुई थी। सज्जन कुमार पर आरोप था कि उन्होंने दंगे भड़काने और सिखों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2021 में सज्जन कुमार की सजा की पुष्टि करते हुए उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई। इससे पहले, 2018 में सीबीआई कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद, सज्जन कुमार ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का विरोध किया, लेकिन अदालत ने उनके सभी तर्कों को नकारते हुए इस ऐतिहासिक फैसले को बरकरार रखा। इस फैसले को दंगा पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए बड़ी जीत माना गया, क्योंकि इसके माध्यम से न्याय की उम्मीद बडी और दोषियों को सजा दिलाने में सफलता मिली।
यह फैसला 1984 के सिख दंगों के मामले में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि दंगों में हजारों सिखों की हत्या हुई थी और बहुत से लोगों को गंभीर शारीरिक और मानसिक चोटें आई थीं।