जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
ऐसे में अगला चुनाव आयुक्त कौन होगा। इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। मोदी सरकार भी एक्टिव है।
नये चुनाव आयोग की नियुक्ति को लेकर पीएम मोदी के आवास पर एक अहम बैठक हुई है।
इस बैठक में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए है। हालांकि इस बैठक में क्या बातचीत हुई, अभी इसको लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है लेकिन कांग्रेस ने नये चुनाव आयोग की नियुक्ति को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी मांग है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाली कमेटी में भारत के चीफ जस्टिस को होना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा कि आज चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) के चुनाव से जुड़ी बैठक हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का कांस्टीट्यूशन किस तरीके का होना चाहिए। ऐसे में आज की बैठक को Postpone करना चाहिए था।
मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में एक एक्ट आया- The Chief Election Commissioner And Other Election Commissioners Act इसके अनुसार- प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और नेता विपक्ष की समिति मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करती है, लेकिन उसमें बहुत सारी संवैधानिक और कानूनी समस्याएं हैं।
इस दौरान कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में एक एक्ट आया- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम के अनुसार- प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और नेता विपक्ष की समिति मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करती है, लेकिन उसमें बहुत सारी संवैधानिक और कानूनी समस्याएं हैं।
इन्हीं समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने बात रखी गई और सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को एक फैसला दिया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और उसकी निष्पक्षता के लिए सीईसी और ईसी की चयन समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) और नेता विपक्ष हों।
लेकिन इस फैसले की आत्मा और उद्देश्य को बिना समझे, जल्दबाजी में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम लाया गया। इस नए कानून में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के ठीक विपरीत काम किया गया, जिसमें पूरी तरह से कार्यपालिका मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) का चयन कर रही है।