जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के प्रमुख व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत के बाद यूक्रेन युद्ध पर विराम लगने की संभावना बढ़ सकती है। इस बीच यूक्रेन भी पूरी तरह से एक्टिव हो गया है और उसने उन शर्तां को तैयार करना शुरू कर दिया है जिससे समझौता का रास्ता साफ हो सके।
यूक्रेन की मीडिया के अनुसार जल्द ही यूके्रन के राष्ट्रपति अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात कर अपनी शर्तों को साझा कर सकते हैं। यूक्रेनी अखबार द कीव इंडिपेंडेंट के में छपि एक खबर के अनुसार यूक्रेन ने पूरी तरह से पहले ही मन बना लिया है कि वो कब्जे वाले जमीन को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देगी।
यूक्रेन ने साफ शब्दों में कहा कि उस इलाके वो मान्यता नहीं दे सकता है जिसे रूस ने जंग के दौरान अपने कब्जे में लिया है। बता दें कि रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया, खेरसॉन, ज़ापोरिज्जिया, डोनेट्स्क और लुगांस्क के साथ-साथ ओब्लास्ट पर भी कब्जा कर लिया है। जेलेस्की इस पूरे मामले पर अपना नजरिया ट्रंप के सामने पेश कर सकते हैं।
यूक्रेन चाहता है कि उसकी जमीन उसे वापस मिले और इसी को ध्यान में रखकर समझौतें की शर्त की तैयार किया जा रहा है। ट्रंप के सामने खुलकर यूक्रेन बात कर सकता है।
अखबार के मुताबिक, यूक्रेन के विपक्षी नेता वोलोडिमिर आर्येव ने कहा कि यूक्रेन दो मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा सैन्य अभ्यास और हथियारों पर पाबंदी – यूक्रेन को डर है कि अगर ऐसा हुआ तो रूस उसे कमजोर करने की कोशिश कर सकता है। भूमि विवाद – यूक्रेन अपनी जमीन को लेकर किसी समझौते के मूड में नहीं है। इसलिए, समझौता होगा या नहीं और कब होगा, यह रूस के रुख पर निर्भर करेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध की सबसे बड़ी वजह नाटो की सदस्यता थी। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता था, लेकिन रूस इसके खिलाफ था। अब कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे को और जटिल बना सकते हैं।