जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली। कहते हैं राजनीति में कब क्या बदल जाये किसी को पता नहीं है। आज आप सत्ता में हैं और कल रहेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं होती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह सब देखने को मिल रहा है।
चुनावी नतीजे ये बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के हाथ से सत्ता निकल गई है और 27 साल का वनवास काट रही है बीजेपी अब फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठने की तैयार में है। केजरीवाल ने सोचा नहीं होगा कि उनको जनता इस तरह से सत्ता से बेदखल करेगी। केजरीवाल के वादे-दावे सब एक झटके में खत्म होते हुए नजर आ रहे हैं।
ये कारण है AAP के पिछडऩे के
चुनाव में वादे करना आम बात है लेकिन झूठे वादे और दावे करना अक्सर जनता नकार देती है। इस बार के चुनाव में ये साफ देखने को मिल रहा है।
केजरीवाल लगातार बीजेपी को चुनाव में टारगेट करते रहे और इस दौरान कई झूठे आरोप लगा डाले, जैसे पानी को लेकर हुए विवाद में उन्होंने हरियाणा सरकार पर जहरीला पानी भेजने का आरोप तक लगा डाला। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और इस मामले में बीजेपी ने केजरीवाल को खूब घेरा है।
इसके अलावा केजरीवाल सीएम बनने के बाद लगातार वो सुविधा ले रहे थे, जिससे वो इनकार कर रहे थे। जैसे वीवाआईपी कल्चर को पूरी तरह से खत्म करने की बात करते थे लेकिन वो खुद और उनके सरकार के मंत्री वीवाआईपी कल्चर में रहना पसंद करते थे।
वहीं सारी लग्जरी गाडिय़ों में चलना और शानदार घर में रहना भी उनको खूब पसंद आया। हालांकि पिछले चुनाव में इस सब चीजों को खत्म करने की बात कह रहे थे लेकिन सीएम बनते ही केजरीवाल बदल गए लेकिन इस बार जनता की आंखें खुल गई और जनता समझ गई कि केजरीवाल भी वैसे ही नेता है, जैसे सब होते हैं।
कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला भी आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचाने काम किया है। हरियाणा में कांग्रेस को इसी तरह का नुकसान उठाना पड़ा था और सरकार बनाने से चूक गई थी। दिल्ली में इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है। वोट बटते हुए नजर आये और सीधे तौर पर केजरीवाल को नुकसान उठाना पड़ा है।