अखिलेश ने कहा कि इस भदगड़ परिवार आज भी अपनों को तलाश रहा है… किसी का चाचा, किसी का
पापा, किसी का भाई, किसी की चाची गायब है… सभी लोग अपनों को तलाश रहे हैं….अखिलेश ने मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई. बच्चों के आंकड़े तो नदारद है. खोया-पाया केंद्रों पर लोग अपनों को खोज रहे हैं…. कुंभ का आयोजन कोई पहली बार नहीं हुआ है. समय समय पर जिसकी भी सरकारें रही हैं, इसका आयोजन करती रही हैं. अखिलेश ने कहा कि अगर मेरी बात गलत हुई तो इस्तीफा दे दूंगा….
जुबिली स्पेशल डेस्क
संसद का बजट सत्र चल रहा है लेकिन चर्चा महाकुंभ की हो रही है। विपक्ष अभी तक महाकुंभ को लेकर चुप था लेकिन महाकुंभ में हो रहे हादसे के बाद योगी सरकार को लेकर अब विपक्ष पूरी तरह से हमलावर है।
आलम तो ये हैं कि बजट सत्र के दौरान ही महाकुंभ में हुए हादसे की गंूज अब संसद तक जा पहुंची है। अखिलेश यादव ने बजट सत्र में चर्चा में भाग लिया तो जहां एक ओर मोदी सरकार को अपने निशाने पर लिया तो दूसरी तरफ योगी को भी नहीं छोड़ा। महाकुंभ में मची भगदड़ के मामले को लेकर योगी सरकार को अपने निशोन पर लेते हुए सीधे शब्दों में योगी को घेरते हुए कहा कि इतना प्रचार किया गया महाकुंभ का।
कहा गया कि 144 साल बाद ये कुंभ आया है। कहा गया कि सौ करोड़ लोगों की व्यवस्था है। अगर ये बात सही नहीं है जो मैं कह रहा हूं तो सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हूं।
अखिलेश ने संसद में सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब इंजन और डब्बे अब टकराने लगे, हर रोज इसकी खबरें सामने आती हैं। अखिलेश ने कहा कि महिलाओं के कपड़े, लोगों की चप्पलें जो वहां पड़ी थीं, उन्हें जेसीबी से उठाकर ट्रॉलियों से हटाया गया।
सरकार बताए कि शव कहां फेंके गए। अखिलेश ने कहा कि सरकार ने शाही स्नान रद्द करने का आदेश दिया। जब हंगामा हुआ तो फिर साही स्नान का आदेश दिया।
सरकार ने अपने मनमाने समय से से स्नान कराने का आदेश दिया. लोग पुण्य कमाने आए थे वो अुपनों के शव लेकर गए। अखिलेश ने कहा कि हमारा आपसे अनुरोध है, जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, जब अभिभाषण पढ़ा है, सरकार ने बहुत आंकड़े दिए हैं, आंकड़े देने से पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे देंगे।