जुबिली स्पेशल डेस्क
संगम नगरी मंगलवार की रात काल बनकर लोगों पर टूटी है। महाकुंभ में भीड़ एकबार फिर बेकाबू हो गई और जानकारी मिल रही है कि 17 लोगों ने तोड़ दिया है दम है।
हालांकि और लोगों की मौत की आशंका जतायी जा रही है। हालांकि अभी इस बोर में कोई ठोस जानकारी नहीं है कि अभी कितने लोगों की मौत हुई क्योंकि सरकार की तरफ से मौतों की संख्या को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अफवाह के कारण भगदड़ हुई, इसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। 50 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
🚨महाकुंभ में भगदड़, 14 की मौत
प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मची भगदड़ में कम से कम 14 लोगों की मौत की खबर है।
भगदड़ अफवाह के कारण मची।
मौनी अमावस्या पर नहीं होगा शाही अमृत स्नान ।
अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान रद्द किया।#महाकुंभ_2025_प्रयागराज#मौनीअमावस्या #महाकुंभ_2025 pic.twitter.com/R2Spq3fTpb
— रतेन्द्र बुगालिया (@IMRatendraB) January 29, 2025
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें
बाबा रामदेव ने कहा है कि करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है। इसके साथ ही समूचे राष्ट्र और विश्व के कल्याण की कामनाा की गई है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें। वहीं जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कहा कि हमने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।