जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार की सियासत में इस वक्त तीन चेहरों के बीच रोचक जंग देखने को मिल रही है। नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के अहम किरदार है जबकि लालू यादव उनका विकेट गिराने के लिए पर्दे के पीछे रणनीति बना रहे हैं। दूसरी तरफ प्रशांत किशोर बिहार में अपनी राजनीति जमीन को तलाश रहे हैं। प्रशांत किशोर अगले केजरीवाल बनने की राह पर है लेकिन उनकी राजनीति का केंद्र BPSC के छात्र तक ही सीमित होता हुआ दिख रहा है। हालांकि वो इस मामले को भुनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन अभी उनको लंबा रास्ता तय करना है।
वहीं बिहार में कांग्रेस आरजेडी के सहारे हैं और तेजस्वी यादव बार-बार कांग्रेस को नसीहत दे रहे हैं कि बिहार में आरजेडी ही बड़े भाई की भूमिका में है। ऐसे में कांग्रेस के लिए आने वाले दिन काफी कठिन भरे हो सकते हैं।
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने भी अपनी तीर को कमान से बाहर निकाल लिया जबकि लालू की लालटेन बिहार में नई रौशनी को दिखाने को दावा कर रही है। ऐसे में पंजे के लिए लालटेन कितनी असरदार होगी ये तो आने वाले वक्त बताएगा लेकिन राहुल गांधी का एक बयान तेजस्वी यादव को बेचैन करने के लिए काफी है।
दरअसल बिहार की जातीय गणना को राहुल गांधी ने फर्जी करार दिया है और यही तेजस्वी यादव को बेचैन कर रहा है क्योंकि ये जातीय गणना तब हुई थी जब बिहार में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की सरकार थी। राहुल गांधी के ताजा बयान पर सूबे की राजनीति में अचानक नई आहट देखने को मिल रही है। तेजस्वी यादव ने मौके की नजाकत को समझा है और अपने लबों को सिलने में भलाई समझी।
तेजस्वी यादव समझ रहे हैं कि अगर उन्होंने इस मामले पर अपना मुंह खोला तो उनको नुकसान उठाना पड़ सकता है। भले ही तेजस्वी यादव इस मामले पर चुप्पी साध रखी हो लेकिन उनकी पार्टी ने इस पर अब खुलकर सफाई देनी शुरू कर दी है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान जातीय गणना की गई थी।
इस पहल में तेजस्वी यादव और आरजेडी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। जातीय गणना के बाद 94 लाख भूमिहीन परिवारों को चिन्हित किया गया था, जिनमें से हर परिवार को 2-2 लाख रुपये देने और घर मुहैया कराने की घोषणा की गई थी।
हालांकि, अब एनडीए सरकार इन योजनाओं और वादों को पूरी तरह नजरअंदाज कर चुकी है। शक्ति यादव ने राहुल गांधी के बयान का संदर्भ देते हुए कहा कि कांग्रेस बेहतर तरीके से जातिगत गणना कराई गई और इसके आधार पर योजनाएं बनाकर लोगों के विकास के लिए काम करेगी।
अब देखना होगा कि कांग्रेस के ताजा बयान पर आरजेडी अगला कदम क्या उठाती है लेकिन फिलहाल तेजस्वी यादव की खामोशी बहुत कुछ कह रही है।