जुबिली स्पेशल डेस्क
इजरायल और हमास के बीच आखिरकार जंग रूक गई है और दोनों के बीच युद्धविराम हो गया है और हमास ने कुछ लोगों को छोड़ दिया है लेकिन युद्धविराम बेंजामिन नेतन्याहू की हार के तौर पर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं ये समझौता अब उनके लिए गले की हड्डी बनता दिखाई दे रहा है।
दरअसल बेंजामिन नेतन्याहू ने जिस हमास को खत्म करने की कसम खाई थी आज वो अधूरी रह गई क्योंकि इजराइल का अब तक का सबसे लंबा युद्ध अपने सबसे बड़े दुश्मन, हमास को नष्ट करने में नाकाम रहा है।
हमास विनाशकारी नुकसान झेलने के बावजूद, गाजा युद्धविराम समझौते को अपनी जीत और इजरायल के लिए विफलता के रूप में देख रहा है। दूसरी तरह इजराइल में इसे हार के तौर पर देखा जा रहा है।
बधकों की अदला बदली के दौरान एक खास यूनिट के सदस्यों ने गाजा शहर के अल सराया स्क्वायर पर अपनी पूरी वर्दी में नज़र आई थी। इसके पीछे एक बड़ा सन्देश छुपा है। इजरायल द्वारा उन्हें नष्ट करने के प्रयास के 15 महीने बाद भी उसकी सशस्त्र शाखा यहां है। वह अभी तक खत्म नहीं हुए हैं, जैसी की प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई थी। दूसरी तरफ इजराइल में इसे हार के तौर पर देखा जा रहा है और प्रधानमंत्री नेतन्याहू की बड़ी नाकामी मानी जा रही है। इस समझौते के खिलाफ उनके मंत्री है और इस्तीफा दे रहे हैं।
This is why i tell you that Hamas won on October 7th. pic.twitter.com/zBBYM3t1Yt
— Ahmed Hassan 🇾🇪 أحمد حسن زيد (@Ahmed_hassan_za) January 19, 2025
ऐसे में अब नेतन्याहू की सत्ता पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने हमास और इजराइली सरकार के बीच हुए युद्धविराम समझौते के विरोध में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
उनके अलावा राष्ट्रवादी-धार्मिक पार्टी ओत्ज़मा येहुदित के दो और मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ ओत्ज़मा येहुदित पार्टी ने नेतन्याहू की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया है। ऐसे में बेंजामिन नेतन्याहू कितने दिन सत्ता में बने रहेगे ये भी एक बड़ा सवाल है।