जुबिली न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ के रायपुर में 1 जनवरी को 30 शिक्षकों की अरेस्ट किया गया. उनपर बीजेपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर सड़क जाम करने का आरोप है. ये शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए पिछले 15 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद राज्य में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात 2,897 लोगों की नौकरी खतरे में आ गई है.
बता दे कि इससे पहले ये शिक्षक जल सत्याग्रह, सामूहिक मुंडन के अलावा, हवन, इच्छा मृत्यु की मांग और तेलीबांदा तालाब की सफाई करके अपना विरोध जता चुके हैं. शिक्षकों ने कड़ाके की सर्दी में दंडवत यात्रा निकाली, महिला और पुरुष टीचर सड़क पर दंडवत करते हुए अपनी नौकरी बचाने की गुहार सरकार से लगा रहे हैं, प्रियंका गांधी ने ये वीडियो शेयर कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन शिक्षकों का समर्थन किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा,नए साल में सुशासन का नौकरी पर सीधा प्रहार हुआ है.
यह सरकार नई नौकरी तो दे नहीं पा रही है. पहले जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनकी नौकरियां छीन रही है. शिक्षा विभाग में काम कर रहे 2897 लोगों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है. इसमें से 70 फीसदी अनुसूचित जाति से हैं. अभी सरकार के पास मौका है. खाली पदों पर इन्हें नौकरी दी जा सकती है.
छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया। ये लड़कियां नौकरी की गुहार लगाते हुए इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर… pic.twitter.com/tOVuWhtPyE
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 13, 2025
प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर बोला हमला
उधर कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने टीचर्स की दंडवत यात्रा का वीडियो शेयर कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है, प्रियंका ने X पर लिखा- छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और 1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया। ये लड़कियां नौकरी की गुहार लगाते हुए इस कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेटकर विरोध जता रही हैं।
एक जनवरी को शिक्षकों का एक ग्रुप बीजेपी कार्यालय के बाहर जाकर बैठ गया. और सरकार से शिक्षा विभाग में खाली पदों पर उनकी भर्ती की अपील की. जब पुलिस ने उन्हें नया रायपुर जाने के लिए कहा, जहां उनके प्रोटेस्ट के लिए एक मैदान तय किया गया है, तो वो वहां से नहीं गए. एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी एहतियात के तौर पर की गई थी. और उन पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई है.
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छत्तीसगढ़ में शिक्षक क्यों विरोध कर रहे हैं?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिसंबर 2024 में सहायक शिक्षक पद के लिए केवल डी. एल. एड. डिग्री होल्डर्स को ही उपयुक्त माना है. कोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को 2 हफ्ते के अंदर यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने डी. एल. एड. डिग्री होल्डर्स को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त करने को भी कहा है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बीएड डिग्री वाले 2897 शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है. अब ये शिक्षक सरकार से समायोजन की मांग कर रहे हैं. यानी उन्हें शिक्षा विभाग में खाली पदों पर बहाल किया जाए. साथ ही उन्होंने आदेश पर रोक और न्यायपूर्ण अवसर देने की मांग की है.