जुबिली स्पेशल डेस्क
आज से कुछ महीनों पहले इंडिया गठबंधन मजबूती से एनडीए का मुकाबला कर रहा था। नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन इसके बाद नीतीश कुमार ही उस गठबंधन से अपने आपको अलग कर लिया ताकि उनकी पार्टी का राजनीतिक भविष्य कमजोर न पड़े।
उनके निकलने के बावजूद इंडिया गठबंधन ने किसी तरह से लोकसभा चुनाव लड़ा और एनडीए को चुनौती भी दी लेकिन सरकार बनाने में नाकाम रही। अंत में मोदी ने तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगा डाली।
इसके बाद राज्यों के चुनाव में इंडिया गठबंधन में पूरी तरह से दरार देखने को मिली। केजरीवाल से लेकर अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं ने अपनी पार्टी के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए अलग-अलग राह पर चलने लगे।
इसका नतीजा ये हुआ कि इंडिया गठबंधन अब पूरी तरह से टूटता हुआ नजर आ रहा है। दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी को चुनौती देने के लिए तैयार है। ऐसे में इंडिया गठबंधन का वजूद खत्म होता हुआ दिख रहा है। जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्लाह भी इसी तरह का राग अलाप रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा,’यह बदकिस्मती की बात है कि इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं हुई है। नेतृत्व कौन करेगा? एजेंडा क्या होगा? गठबंधन कैसे आगे बढ़ेगा? इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि हम एकजुट रहेंगे या नहीं।’
उन्होंने कहा,’दिल्ली चुनाव के बाद गठबंधन की बैठक होनी चाहिए और स्थिति साफ करनी चाहिए. अगर यह सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था तो गठबंधन को खत्म कर देना चाहिए, लेकिन अगर इसे विधानसभा चुनाव के लिए भी जारी रखना है तो हमें मिलकर काम करना चाहिए।
वही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा,’इंडिया का गठन सिर्फ लोकसभा चुनाव और भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए किया गया था। अब इसका कोई महत्व नहीं है. कांग्रेस और आप के बीच तकरार अप्रत्याशित नहीं है।”