जुबिली स्पेशल डेस्क
प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कमर कस ली है और चुनावी प्रक्रिया को पूरे करने के लिए गुरुवार (02 जनवरी, 2025) को चुनाव अधिकारियों की घोषणा की ।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। इसको लेकर बीते कुछ दिनों से मंथन चल रहा है लेकिन अब खबर है कि उत्तर प्रदेश इकाई के संगठन में साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़े बदलाव होने हैं। इस दौरान कई नामों को लेकर चर्चा हो रही है। बीजेपी के सूत्र बता रहे है कि नए आने वाले कुछ महीनों में राज्य इकाई को नया अध्यक्ष मिलेगा।
अब साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी, यूपी को लेकर बीजेपी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। जानकारी मिल रही है कि पार्टी नई रणनीति पर काम कर रही है और इसी के तहत कुछ नये चेहरों को लेकर गंभीर है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी यूपी इकाई अध्यक्ष किसी दलित चेहरे को कमान सौंप सकती है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दलित चेहरे के रूप में राबर्ट्सगंज से पूर्व सांसद रामसकल बीजेपी के अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं।
बीजेपी के कई नेता उनका सम्मान करते हैं और उनको अध्यक्ष बनाने के लिए अपनी हामी भी दी है। रामसकल आरएसएस के तहसील प्रचारक से लेकर बीजेपी के तीन बार सांसद और राज्यसभा के सदस्य के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
उनके अलावा दूसरे दलित चेहरे के रूप में पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है। ओबीसी चेहरे के रूप में साध्वी निरंजन ज्योति को अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी की पसंद बताया जा है। वहीं भाजपा संगठन के बड़े चेहरे और मौजूदा राज्यसभा सांसद बाबू राम निषाद पर मंथन जारी है।
पार्टी का एक हिस्सा भूपेंद्र चौधरी को फिर से अध्यक्ष बनाने का समर्थन कर रहा है। बता दें कि भूपेंद्र चौधरी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के शेष बचे कार्यकाल को पूरा कर रहे थे और बीजेपी चाहती है कि आगे भी वो इस जिम्मेदारी को संभाले ।